वायरल से बचना है तो बस नमस्ते से चलाएं काम, तुलसी और गिलोय का काढ़ा देगा आराम
वायरल बुखार ने इस वक्त घर-घर में पैर पसार लिए हैं। हालात यह हैं कि नवजात से लेकर बुजुर्ग तक चपेट में आ चुके हैं।
जेएनएन, रोहतक। वायरल बुखार ने इस वक्त घर-घर में पैर पसार लिए हैं। हालात यह हैं कि नवजात से लेकर छोटे बच्चे, बुजुर्ग तक चपेट में आ चुके हैं। पीजीआइ से लेकर सिविल और निजी अस्पतालों में भारी भीड़ है। चिकित्सकों का कहना है कि यदि सावधानी बरती जाए तो वायरल बुखार से बचा जा सकता है। जिसमें सबसे बड़ी सावधानी है कि आप हाथ मिलाने से परहेज करें। क्योंकि हाथ मिलाने से संक्रमण तेजी से फैलता है।
वहीं, योगाचार्य मानते हैं कि दवाओं के बजाय घर ही तैयार किए गए काढ़े का उपयोग करें। इससे किसी भी सूरत में आप इसकी चपेट में नहीं आएंगे। पीजीआइ में आइसीयू के इंचार्ज, क्रिटिकल केयर मेडीकल के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ध्रुव चौधरी कहते हैं कि हाथ मिलाने से संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है। इसकी वजह बताते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को छींक, खांसी, जुकाम है। इस दौरन रोगी से किसी से हाथ मिलाते हैं तो संक्रमण संबंधित व्यक्ति को भी अपनी चपेट में लेगा, इसलिए हाथ जोड़कर ही अभिवादन करना ठीक होगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- छींक और खांसी आए तो मुंह पर साफ रूमाल को रख लें।
- हाथों को साबुन से धोएं उसी के बाद पानी और भोजन का उपयोग करें।
- लिक्विड जैसे पानी, नारियल पानी, जूस आदि का ज्यादा उपयोग करें।
सिविल अस्पताल में ओपीडी में पहुंच रहे 1900 तक मरीज
सिविल अस्पताल के एमएस डा. रमेश कहते हैं कि अभी ओपीडी में औसतन 1800-1900 तक मरीज रोजाना यहां पहुंच रहे हैं। इनका यह भी कहना है कि यह रोग संक्रमण से संबंधित है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पहले सावधानी बरती हैं। फुल बाजू के कपड़े पहनें। जिससे संक्रमण की चपेट में व्यक्ति न आ सके। घर का भोजन उपयोग करें। मच्छरों से बचाव के लिए भी इंतजाम बेहद जरूरी है, क्योंकि व्यक्ति के बीमार होने का एक कारण मच्छरों के काटना भी है।
घर में बनाएं गिलोय और तुलसी का काढ़ा, बीमारियां रहेंगी दूर
भारत स्वाभिमान पंतजलि योग समिति के जिला संयोजक जगबीर आर्य कहते हैं कि सामान्य वायरल है तो आप गिलोय और तुलसी का काढ़ा बनाकर उपयोग करें। इससे किसी भी सूरत में आपको बीमारी नहीं घेरेगी। इनका कहना है कि एक व्यक्ति के लिए आठ इंच लंबी गिलोय, चार-पांच तुलसी के पत्ते दो गिलास पानी में डाल दें। गिलोय को पीसकर डालें। इसके बाद पानी को उबालें। एक चौथाई जब पानी रह जाए तो इसका नियमित तीन समय सेवन करें। यदि कड़वा लगे तो थोड़ी चीनी डाल लें। ऐसे ही चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया में गिलोय, गेहूं के ज्वार व पपीते के पत्ते का काढ़ा तैयार करें। इससे प्लेटलेट्स कम नहीं होंगी। कोई व्यक्ति डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया या फिर वायरल की चपेट में है तो वह भी इसके सेवन से ठीक हो जाएगा। इसके सेवन के साथ सिर्फ चेकअप जरूर कराते रहें।