भगाना के ग्रामीणों ने साथ छोड़ा, सांगवान गुट परेशान
अमित धवन, हिसार आरक्षण की मांग और जाट समाज के जेल में बंद युवाओं को रिहा करवाने के लिए शुरू हुआ आ
अमित धवन, हिसार
आरक्षण की मांग और जाट समाज के जेल में बंद युवाओं को रिहा करवाने के लिए शुरू हुआ आंदोलन जोर नहीं पकड़ पाया है। भगाना व आस पास के गांव के लोग साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। धरने में काफी लोग दूसरे जिलों से आए हुए हैं। हवा ¨सह सांगवान गुट के लिए ग्रामीणों के साथ नहीं आने से परेशानी बनी हुई है। वह भगाना से धरना शुरू करने पर अड़े हैं। वहीं उनकी समिति के कुछ लोगों ने एसडीएम से धरने के लिए दूसरे गांव में जमीन की इजाजत तक मांग ली।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की तरफ से अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया गया। पहले रामायण तो अब भगाना के साथ शुरू हुआ आंदोलन दूसरे दिन फिका पड़ रहा है। कारण है भगाना व उसके आस पास के गांव के लोग साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे। ग्रामीण होली का त्यौहार होने और दसवीं व बारहवीं के बच्चों की परीक्षाओं के चलते आंदोलन को गांव से बाहर चाह रहे हैं। इसको लेकर सरपंच की तरफ से जिला प्रशासन को पत्र देकर उसमें धरना गांव से दूर रखने के लिए कहा हैं। गांव के लोग इस आंदोलन से दूरी बनाए हुए हैं। कोई धरने पर नहीं आ रहा है। दो दिन में गांव के कुछ महिलाएं व पुरुष ही आए लेकिन महिलाएं धरना स्थल तय नहीं होने के कारण वापस चली गई।
समिति के प्रदेशाध्यक्ष हवा ¨सह सांगवान भी गांव के साथ नहीं होने से परेशान हैं। दूसरे दिन सांगवान व अन्य पदाधिकारियों को बोलना पड़ा कि गांव के लोग साथ नहीं आ रहे है। गांव को एकत्रित करो ताकि आंदोलन तेज हो सके। सांगवान ने कहा कि वह ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं। जमीन गांव से देख रहे है कि कौन दे सकता है। अभी उनका धरना बस अड्डे पर चलेगा। दो साल पहले भगाना के लोगों ने साथ दिया और वह कामयाब भी हुए थे। इस लिए वह यह आंदोलन भी इसी गांव से कर रहे है। सांगवान ने कहा कि गांव का इंतजार है दूसरी जमीन मिल जाए।
बाक्स..
दूसरी जगह ही दे दो जमीन : पंघाल
प्रशासन की तरफ से एसडीएम परमजीत चहल बातचीत के लिए आए तो जिला अध्यक्ष दलजीत पंघाल ने उनको भगाना की बजाए दूसरी गांव में धरने की इजाजत देने की मांग कर डाली। इजाजत नहीं देने पर पंघाल ने उनको गिरफ्तार करने की बात कही। वह अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात एसडीएम को बोले।
बाक्स..
शहर नहीं देंगे धरना
समिति पदाधिकारी हवा ¨सह सांगवान ने कहा कि शहर में लघु सचिवालय के बाहर धरना देने का कोई फायदा नहीं है। उनकी मांग गांव के लोगों के लिए है इस लिए वह गांव में धरना दे रहे है। गांव के लोगों को साथ लेकर वह आंदोलन को मजबूत करेंगे।