इन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए पर्यावरण मंत्रालय में जल्द रिपोर्ट सबमिट करेगी प्रदेश सरकार
जागरण संवाददाता हिसार इन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए पर्यावरण मंत्रालय में जल्द ही प्रदेश सरक
जागरण संवाददाता, हिसार: इन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए पर्यावरण मंत्रालय में जल्द ही प्रदेश सरकार रिपोर्ट सबमिट कर सकती है। इसके संकेत डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में हुई बैठक में दे दिए। इन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए अभी तक पर्यावरण मंत्रालय में रिपोर्ट सबमिट नहीं की गई है। अभी दो से तीन एनओसी पेंडिग पड़ी हैं। यह एनओसी मिलने के बाद ही एक कंपाइल रिपोर्ट हरियाणा सिविल एविएशन डिपार्टमेंट पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार में जमा करवाएगा। इसके बाद ही हिसार एयरपोर्ट को इन्वायरमेंट क्लीयरेंस मिल पाएगी।
चंडीगढ़ में हुई बैठक में डिप्टी सीएम ने हवाई अड्डा स्थापित करने के लिए वन विभाग से स्टेट्स रिपोर्ट जानी। उन्होंने हवाई अड्डे की जमीन पर लगे पेड़ों की संख्या और इनके कटने पर वातावरण संतुलन बनाए रखने के लिए दूसरी जगह ज्यादा पेड़ लगाने की योजना को लेकर भी चर्चा की थी। इन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए यह प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण है। अभी तक वन विभाग ने पेड़ों की संख्या की गिनती पूरी की है। दुष्यंत चौटाला ने वन विभाग के अधिकारियों को हवाई अड्डा क्षेत्र में पेड़ काटने की एनओसी देने सहित अन्य औपचारिकताएं की पूरी रिपोर्ट 10 दिन में देने को कहा है।
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पेड़ों के कटने का यह रहेगा स्टेट्स
एयरपोर्ट के अधीन आने वाले 7200 एकड़ क्षेत्र में आने वाले सभी पुराने पेड़ों को वन विभाग के सहयोग से पुनस्र्थापित करवाया जाएगा। आवश्यकता अनुसार जितने पेड़ कटेंगे, उससे कई गुणा ज्यादा पेड़ एयरपोर्ट परिसर में लगाए जाएंगे। एयरपोर्ट की बाउंड्री के साथ-साथ 100 मीटर की ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी।
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ग्रीन एयरपोर्ट के मानदंडों पर आधारित होगा यह प्रोजेक्ट
हिसार हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्रीन एयरपोर्ट के मानदंडों के आधार पर विकसित किया जाएगा। इस एयरपोर्ट के कारण आसपास के कई किलोमीटर के क्षेत्र में हरित वातावरण बढ़ेगा। इसके साथ ही प्रदूषण न हो इसके लिए सीएनजी व अन्य प्राकृतिक संसाधनों आधारित तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा।
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यह होगा एयरपोर्ट का क्षेत्र
- एयरपोर्ट के रनवे को 3000 मीटर लंबाई व 60 मीटर चौड़ाई में विकसित किया जाएगा।
- प्रतिवर्ष 35 लाख यात्रियों व 20 हजार मीट्रिक टन कारगो की क्षमता होगी।
- यहां 4ई श्रेणी तक के विमान आ सकेंगे।
- एयरपोर्ट की लागत लगभग 946 करोड़ रुपये होगी जिसमें से 23 करोड़ रुपये पर्यावरण पर खर्च किए जाएंगे।
- इसकी 27 किलोमीटर की बाउंड्री होगी और इसे रेलवे की कनेक्टिविटी भी मिलेगी।
- डियर पार्क को वर्तमान से भी अधिक अच्छे तरीके से विकसित किया जाएगा।
- आवश्यकता के अनुसार कुछ वर्तमान सड़कों को मोड़ा जाएगा और कई नई सड़कें बनाई जाएंगी।
- एयरपोर्ट विस्तार के लिए कुछ भवनों को भी स्थानांतरित करने की योजना है।
- एयरपोर्ट की कुल आवश्यकता का 20 प्रतिशत भाग सौर ऊर्जा से पूरा किया जाएगा।
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अभी इन्वायरमेंट क्लीयरेंस मिलने के लिए रिपोर्ट पर्यावरण मंत्रालय में सबमिट नहीं करवाई गई है। पहले यह रिपोर्ट सबमिट होगी। रिपोर्ट तब सबमिट होगी जब पूरी तरह से सभी विभागों की एनओसी मिल जाएगी। अभी दो से तीन एनओसी पेंडिग है।
- अमरजीत सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ।