थर्मल पावर प्लांट की यूनिट नंबर टू की टरबाइन का रोटर चीन से पावर प्लांट खेदड़ पहुंचा
यूनिट टू से 18 महीने के अंतराल के बाद मार्च माह के तीसरे सप्ताह उत्पादन होगा शुरू
फोटो न0- 27 एचआईएस 73
- यूनिट टू से 18 महीने के अंतराल के बाद मार्च माह के तीसरे सप्ताह में शुरू होगा बिजली उत्पादन
संवाद सहयोगी, बरवाला : राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की यूनिट नंबर टू की टरबाइन का रोटर चीन से पावर प्लांट खेदड़ में पहुंच गया है। अब यूनिट टू से 18 महीने के अंतराल के बाद मार्च माह के तीसरे सप्ताह में बिजली उत्पादन आरंभ हो जाएगा। चीन से मंगवाए गए टरबाइन के इस रोटर पर लगभग 13 करोड़ की लागत आई है। इस रोटर को मंगवाने के साथ ही इस यूनिट नंबर टू के ओवरहालिग का कार्य जोर पकड़ चुका है। अभी कुछ और सामान भी इस कार्य के लिए चीन से आना है जो की पाइप लाइन में है। इस थर्मल पावर प्लांट की दोनों यूनिटें चीन पद्धति पर लगाई गई है और इनकी 600-600 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। यूनिट की ओवरहालिग और अन्य कार्यों के लिए जहां इस कार्य में लगे इंजीनियर चीन के इंजीनियरों से ऑनलाइन संपर्क में है। चीन की ही भारत में टेक्निकल असिस्टेंट चैनल पार्टनर कंपनी के इंजीनियर जो उन्हीं की ही एजेंसी है तथा एचपीजीसीएल के इंजीनियर भी इस कार्य में लगे हुए हैं। इस बारे में चीन से भी ऑनलाइन तालमेल बनाया जा रहा है। यूनिट नंबर टू का टरबाइन का रोटर लगभग 18 महीने पहले 19 सितंबर 2020 को क्रेक होने के कारण बंद हो गया था। उस समय टरबाइन में वाइब्रेशन के चलते टेक्निकल फाल्ट आ गया था। जिसे चेक किया गया तो पता चला कि रोटर क्रेक हो गया। तभी से यह यूनिट बंद चल रही है। परंतु थर्मल प्रशासन ने चीन को दो रोटर का आर्डर किया था। चीन से आने वाले नए रोटर की कीमत लगभग 37 करोड़ रुपए बताई जा रही है तथा उसके तैयार होने में और उसकी डिलीवरी में भी बहुत ज्यादा समय लगना था। ऐसे में पहले से ही तैयार किए गए तथा वहीं पर इस्तेमाल किए जा रहे रोटर को जिसकी कीमत लगभग 13 करोड़ है उसे मंगवा लिया गया है। जबकि दूसरे का आर्डर भी वहां पर दिया गया है वहां पर एक नया रोटर भी तैयार हो रहा है। रोटर को चीन से मंगवा लिया गया है : एसके डागर
राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट के चीफ इंजीनियर एसके डागर के अनुसार थर्मल प्लांट की प्रथम यूनिट इस समय पूरे लोड पर चल रही है। थर्मल में लगभग तीन लाख टन कोयले का स्टॉक है। पूरे लोड पर चलने पर एक यूनिट में प्रतिदिन 10 हजार टन कोयले की खपत होती है। यूनिट नंबर टू से मार्च के तीसरे सप्ताह में बिजली उत्पादन आरंभ करने के लिए इंजीनियर लगे हुए हैं। इस यूनिट नंबर टू में 19 सितंबर 2020 से वाइब्रेशन के चलते टरबाइन के रोटर में क्रैक आ गया था। अब रोटर को चीन से मंगवा लिया गया है तथा उस पर काम चल रहा है।