आटो यूनियन व सिटी बस चालकों के बीच नहीं सुलझा विवाद, सीमा रेखा को पीछे करने पर अड़े
आटो व सिटी बस मामले में अभी तक विवाद सुलझा नहीं है और आटो यूनियन सदस्य सीमा रेखा को पीछे करने पर अड़े हैं। इसे लेकर रीजनल ट्रांसपोर्ट आथोरिटी यानी आरटीए कार्यालय में हुई बैठक में विवाद सुलझाने को दोनों यूनियनों के बीच सीमा रेखा बनाने पर सहमति हुई थी। अब जो सीमा रेखा खींची जा रही है उसे लेकर आटो यूनियन का कहना है कि यह सीमा उनकी ओर है। इससे उनका दायरा कम हो जाता है और सभी आटो यहां खड़ा होना मुश्किल होंगे। इस मामले में पुलिस ने भी मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, हिसार : आटो व सिटी बस मामले में अभी तक विवाद सुलझा नहीं है और आटो यूनियन सदस्य सीमा रेखा को पीछे करने पर अड़े हैं। इसे लेकर रीजनल ट्रांसपोर्ट आथोरिटी यानी आरटीए कार्यालय में हुई बैठक में विवाद सुलझाने को दोनों यूनियनों के बीच सीमा रेखा बनाने पर सहमति हुई थी। अब जो सीमा रेखा खींची जा रही है, उसे लेकर आटो यूनियन का कहना है कि यह सीमा उनकी ओर है। इससे उनका दायरा कम हो जाता है और सभी आटो यहां खड़ा होना मुश्किल होंगे। इस मामले में पुलिस ने भी मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। शनिवार को बारिश के कारण सीमा रेखा पूरी नहीं बनाई गई और रोडवेज को सीमा रेखा खींचने से मना कर दिया है। अब आटो यूनियन दोबारा से आरटीए के पास गई और सीमा रेखा को पीछे खींचने की मांग की। आटो यूनियन का कहना है कि सिटी बसें अपने निर्धारित बूथ छह व सात पर खड़ी होनी चाहिए। वहां नहीं तो थोड़ा आगे खड़ी हो जाएं। मगर सिटी बस वाले उनके आटो के सामने आकर सवारी बैठाते हैं। सीमा रेखा को भी रोडवेज ने उनकी ओर खींचा है न कि सिटी बसों को पीछे करने के लिए। इसमें आटो वालों को ही घाटा है।
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इनका करना होगा पालन
बैठक में आरटीए व रोडवेज विभाग ने सिटी बस व आटो यूनियन को यह भी निर्देश दिए थे कि बस अड्डा पर आने वाले प्रत्येक यात्री से सही ढंग से पेश आना होगा और उनका सम्मान करना होगा। अगर कोई सवारी नहीं बैठती है तो उसके साथ जबरदस्ती ना करे। मुख्य गेट पर न ही जाम लगाना है। वरना रोडवेज विभाग उन पर कार्रवाई कर सकता है।
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सिटी बस संचालकों का कहना है कि वह बारिश के कारण आधा दिन ही जा पाए। हमारी ओर से कोई झगड़ा नहीं है। प्रशासन अपने हिसाब से जो आदेश देगा, वह माने जाएंगे।
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आटो यूनियन प्रधान मानसिंह दुग्गल का कहना है कि सीमा रेखा को उनकी ओर खींचा है। उन्होंने रोडवेज अधिकारियों को इसे पीछे करने को कहा था, पर नहीं की। अब वह आरटीए के पास जाएंगे।