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टीकरी बॉर्डरः तनाव, ठंड और गंदगी हैं किसान आंदोलन में हार्ट अटैक की तीन बड़ी वजहें

किसानों में आक्रोश भी है और मायूसी भी। लगातार आंदोलन के कारण उनमें तनाव का स्तर बढ़ रहा है। ऊपर से अब ठंड ज्यादा है। आंदोलन 15 किलोमीटर तक फैला हुआ है। ऐसे में स्वच्छता की भी भारी कमी है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 04:54 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 04:54 PM (IST)
टीकरी बॉर्डरः तनाव, ठंड और गंदगी हैं किसान आंदोलन में हार्ट अटैक की तीन बड़ी वजहें
अब तक टीकरी बॉर्डर पर ही आंदोलन से जुड़े 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। किसान आंदोलन में बुधवार को 56वां दिन बीता। ज्यों-ज्यों आंदोलन आगे बढ़ रहा है, त्यों-त्यों इसमें मौत का सिलसिला भी जारी है। अब तक टीकरी बॉर्डर पर ही आंदोलन से जुड़े 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं। आंदोलन में किसानों को वे बीमारियों घेर रही हैं, जो दिल के लिए खतरनाक होती हैं। इसकी यहां पर तीन बड़ी वजह है। सबसे पहला है तनाव, दूसरा ठंड और तीसरा स्वच्छता की कमी।

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दरअसल, किसान पहले तो पंजाब में आंदोलन कर रहे थे। उसके बाद 26 नवंबर को दिल्ली के लिए कूच कर दिया। बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर 27 नवंबर से किसानों का डेरा है। तभी से सरकार से वार्ता चल रही है और आंदोलन को आगे बढ़ाया जा रहा है। किसानों में आक्रोश भी है और मायूसी भी। लगातार आंदोलन के कारण उनमें तनाव का स्तर बढ़ रहा है। ऊपर से अब ठंड ज्यादा है। आंदोलन 15 किलोमीटर तक फैला हुआ है। ऐसे में स्वच्छता की भी भारी कमी है। सड़क पर ही रहने, सोने, खाने-पीने के कारण कहीं ना कहीं किसान स्वच्छता की भारी कमी झेल रहे हैं। यही तीन वजह है जिससे किसानों में गंभीर रोग बढ़ रहे हैं।

तनाव है रोगों की जड़

आंदोलन में किसानों की सेवा के लिए अमेरिका के कैलिफोर्निया से फैलोशिप छोड़कर आए डा. स्वाईमान सिंह कार्डियोलोजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) हैं। वे कहते हैं कि जब तनाव बढ़ता है तो शरीर के अंदर इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) तेजी से घटने लगती है। इसी कारण शरीर कई तरह के संक्रमण की चपेट में आने लगता है। जिससे रोग पैदा हाेते हैं। शरीर में जब रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है तो स्वाभाविक तौर पर कमजोर वायरस भी शरीर में हानि पहुंचाता है। इसलिए तनाव ही रोगों की जड़ है। अब ठंड भी ज्यादा है। सड़क पर रहना है। ठंड में वैसे ही नसें सिकुड़ने लगती हैं। स्वच्छता भी नहीं है। ये दो कारण भी अहम हैं।

तनाव दूर करने को हो रहे प्रयास

आंदोलन के बीच किसानों में तनाव का स्तर न बढ़े, इसीलिए ही आंदोलन के बीच में खेल, भजन कीर्तन, लाइब्रेरी और बहुत से ऐसे कार्यक्रम और गतिविधियां करवाई जा रही है जिससे वे तनाव रहित रहे। अब तक कबड्डी और वॉलीबाल टूर्नामेंट हो चुके हैं।

कैंपों में रोजाना कई हजार का हो रहा इलाज 

आंदोलन के बीच अनेक संगठनों ने मेडिकल कैंप लगा रखे हैं। रैडक्रॉस के छह जगहों पर कैंप हैं। फाइव रिवर्स हार्ट एसोसिएशन पहले दिन से कैंप चला रही है। सभी कैंपों को मिलाकर चार हजार से ज्यादा किसानों का रोजाना इलाज हाे रहा है। इनमें 25 से 30 फीसद ऐसे होते हैं जिनको डायबिटीज, ब्लड प्रेशर की दिक्कत होती है। ये सब बीमारियां तनाव से ही आती हैं।


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