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46.3 डिग्री टेंपरेचर में भी पीपीई किट डालकर अस्पताल और फील्ड में कर रहे सैंपलिग

जागरण संवाददाता हिसार डाक्टरों की कोरोना के साथ गर्मी भी परीक्षा ले रही है। जिले का

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 01:38 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:09 AM (IST)
46.3 डिग्री टेंपरेचर में भी पीपीई किट डालकर अस्पताल और फील्ड में कर रहे सैंपलिग
46.3 डिग्री टेंपरेचर में भी पीपीई किट डालकर अस्पताल और फील्ड में कर रहे सैंपलिग

जागरण संवाददाता, हिसार : डाक्टरों की कोरोना के साथ गर्मी भी परीक्षा ले रही है। जिले का तापमान 46 डिग्री सेल्सियस है और इसी गर्मी में भी डाक्टरों को पीपीई किट डालकर कोरोना आशंकित लोगों की सैंपलिग करनी पड़ रही है। अधिक गर्मी के कारण जहां कूलर, एसी के सामने भी गर्मी महसूस होती है। वहीं डाक्टर्स की टीमें फील्ड में कंटेनमेंट व बफर जोन में सर्विलांस कर लोगों के सैंपल ले रहे है। डाक्टरों समेत स्टाफ की भी गर्मी के कारण हालत खराब है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने फील्ड में सुबह व शाम के समय ही सैंपलिग करवाने का फैसला किया है। डाक्टर व स्टाफ की मोबाइल टीमों को अब सुबह के समय या फिर शाम पांच बजे के बाद ही सैंपलिग के लिए भेजा जा रहा है।

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सिविल अस्पताल में डी-हाईड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ी

सिविल अस्पताल में गर्मी के चलते डिहाईड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मरीजों के साथ अस्पताल के स्टाफ भी गर्मी से परेशान है, एक डाक्टर और एलटी तो गर्मी के चलते चक्कर खाकर गिरे भी है। बुधवार को सिविल अस्पताल में करीब पांच लोग डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर इलाज के लिए पहुंचे। डिहाइड्रेशन अधिक गर्मी से होती है, जिसमें शरीर में पानी व नमक की कमी हो जाती है, इससे उल्टी व चक्कर आने लगते है। गर्मी से बुखार, उल्टी, दस्त के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। बुधवार को अस्पताल में जनरल मेडिसिन के 250 मरीज जांच के लिए पहुंचे।

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पीपीई किट में नही होती हवा पास, कपड़े पूरी तरह भीग जाते है

सिविल अस्पताल व फील्ड में डयूटी देने वाले डाक्टरों मनीष, रवि, बंसीलाल व स्टाफ से बात की तो उन्होंने बताया कि पीपीई किट से हवा पास नहीं होती। जिससे कपड़े पूरी तरह भीग जाते है। वहीं शरीर में नमक व पानी की कमी हो जाती है, जिससे सिर चकराने लगता है। शरीर में दर्द होता है। कमजोरी भी महसूस होती है। मसल्स दर्द करने लगती, डयूटी भी लंबी हो जाती है।

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गर्मी के चलते आ चुके यह मामले

- सिविल अस्पताल की एक महिला डॉक्टर गर्मी के चलते तीन दिन पहले चक्कर खाकर गिर पड़ी।

- अस्पताल में फ्लू क्लीनिक में डयूटी देने वाले एलटी को भी गर्मी से चक्कर आ चुके है।

- उकलाना में भी आशा वर्कर को भी गर्मी के चलते चक्कर व बेहोशी की समस्या हुई थी।

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डाक्टर के अनुसार लू से बचने के लिए यह करें

- शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए अधिक पानी पिएं।

- शुगर के मरीज सामान्य पानी तो पी सकते है, लेकिन अधिक मीठा या शिकंजी नहीं ले सकते।

- बच्चों को ओआरएस पिला सकते है।

- शुगर के मरीज नींबू के साथ हल्का नमक मिलाकर पानी पी सकते है।

- गर्मी से बचाने के लिए बच्चों को ग्लूकोन डी दे सकते है।

- गर्मी में निकले तो कपड़ा सिर पर ढक कर चलें।

- शुगर की समस्या नहीं है तो मीठी शिकंजी पी सकते है।

- गर्मी में छाता लेकर निकलें।

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गर्मी से बचाव के लिए पानी अधिक पिए। शरीर में नमक व पानी की पूर्ति के लिए मीठी व नमकीन शिकंजी ली जा सकती है। हार्ट वाले मरीजों को गर्मी से बचने के लिए घर पर ही रहना चाहिए।

डा. अजय चुघ, सिविल अस्पताल, हिसार।

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डाक्टरों व स्टाफ जो फील्ड में सैंपलिग कर रहे है उनको गर्मी से बचाने के लिए सुबह व शाम के समय ही सैंपलिग करवाने का फैसला किया गया है। गर्मी बहुत अधिक है। इसलिए दोपहर 1 बजे से पहले व शाम पांच बजे के बाद ही सैंपलिग करवाई जा रही है।

डा. योगेश शर्मा, सीएमओ, हिसार।


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