फैमिली आईडी कार्ड में सबसे कम आय भरने वालों के घरों में जाकर स्थिति जांचेंगी टीम
टीम कर्मचारी देखेंगे की वास्तव में भरी गई जानकारी के अनुसार परिवार की माली हालत है या नहीं। सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने के लिए अपनी आय कम तो नहीं दिखाई। यदि उनको फैमिली आईडी में भरी गई जानकारी में गड़बड़ी मिली तो वे उसे वहीं ठीक करेंगे।
फतेहाबाद, जेएनएन। जिले में फैमिली आईडी बनाने का कार्य 94 फीसदी हो गया है। अब आगामी महीने से इसके सत्यापन का कार्य होगा। इसके लिए प्रशासन ने टीम गठित कर दी। गठित टीम अब उन घर में जाकर स्थिति जांचेगी। जिन्होंने अपनी आय कम दिखाई है। टीम में शामिल कर्मचारी देखेंगे की वास्तव में भरी गई जानकारी के अनुसार परिवार की माली हालत है या नहीं। सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने के लिए अपनी आय कम तो नहीं दिखाई।
यदि उनको फैमिली आईडी में भरी गई जानकारी में गड़बड़ी मिली तो वे उसे वहीं ठीक करेंगे। जिला प्रशासन के अनुसार प्रदेश में 1 लाख परिवार के घरों में जानकर वास्तविक स्थिति पता की जाएगी। फैमिली आईडी के नोडल अधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि यह तो तय हो गया कि कम आय दिखाने वालों के घरों में टीम जाएंगी। कम आय वालों में भी रेंडमली चयन किया जाएगा। जिसका डाटा निदेशायल से जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। इसके लिए जरूरी तैयारी को पूरा करते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। जिसमें गठित टीम के बारे में भी जानकारी दे दी है।
वोटिंग बूथ के अनुसार गठित की टीम :
जिले की तीनों विधानसभा में 700 वोटिंग बूथ हैं। प्रशासन ने इसके अनुसार कमेटी गठित की है। इस कमेटी में शिक्षा विभाग का एक कर्मचारी के अलावा, कंप्यूटर ऑपरेटर, सामाजिक कार्यकर्ता, कॉलेज का विद्यार्थी, वॉलंटियर का शामिल किया है। इनको सर्वे के लिए ट्रेनिंग दी गई है। सरकार द्वारा सैपलिंग के लिए सूची आने के बाद गठित टीम काम शुरू करेंगे। इसमें कालेज के विद्यार्थी व कंप्यूटर ऑपरेटर को छोड़ दे तो गठित टीम ने पहले भी दो बार सर्वे कर चुकी है। एक बार तो कोरोना काल में राशन के लिए सर्वे किया था। इसके बाद हल्दी हरियाणा के लिए भी इसी टीम ने सर्वे किया था।
पटवारी फिर अलग से करेंगे जातीय गणना
जिले में पटवारी फैमिली आईडी के लिए जातीय गणना करेंगे। वे जिन लोगों ने अपनी फैमिली आईडी बनाई है। उनकी जाति भरेंगे। हालांकि जो पहले फैमिली आईडी भरी गई थी। उसमें जाति भरने का विकल्प नहीं था। अब इसके लिए गत दिनों पटवारियों को ट्रेनिंग दी गई थी।
जिले में 94 फीसद बनी फैमिली आईडी
जिले के 94 फीसद लोगों के फैमिली आईडी बन गई है। फैमिली आइडी बना रहे प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जिले में 9 लाख 54 हजार 837 लोगों की फैमिली आइडी बनाई जाएगी। जिसमें से 9 लाख 4 हजार 137 लोगों की फैमिली आईडी बन गई। यानी 50 हजार 700 लोगों की ही फैमिली आईडी नहीं बनी। इसके लिए 2 लाख 34 हजार 800 फैमिली आईडी बन गई है। निदेशालय से आई संख्या के अनुसार 2 लाख 51 हजार 888 फैमिली आइडी बनानी हैं। उसके बाद शत फीसदी टारगेट पूरा हो जाएगा।
जिले 1 लाख राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन
जिला में पांच श्रेणी ओपीएच, एएवाई, एसबीपीएल व सीबीपीएल के 1 लाख 53 हजार 816 राशन कार्ड धारक हैं। इनमें करीब 1 लाख लोगों को मुक्त राशन वितरित किया जाता है। ओपीएच के 53571, एएवाई के 10444, एसबीपीएल के 25586, सीबीपीएल के 12986 राशन कार्ड धारक हैं। इनको सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के तहत राशन दिया जाता है। वहीं एपीएल के 51229 कार्डधारक हैं, जिन्हें सरकार द्वारा कोई राशन जारी नहीं किया जाता।