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हमेशा सीखने के लिए तैयार रहें शिक्षक

शिक्षकों को अपने जीवन के अनुभव से भी न केवल खुद सीखना चाहिए बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी अवगत कराना चाहिए। समय की पाबंदी उत्कृष्टता के लिए पूर्णतया और राष्ट्र प्रथम की भावना जैसे ऐसे कुछ मुख्य मूल्य हैं जो शिक्षण मूल्यों से जुड़े हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:42 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:42 AM (IST)
हमेशा सीखने के लिए तैयार रहें शिक्षक
हमेशा सीखने के लिए तैयार रहें शिक्षक

जागरण संवाददाता, हिसार : आजीवन शिक्षार्थी रहकर ही एक शिक्षक अच्छा अध्यापक बन सकता है। शिक्षक को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। नवज्ञान को प्राप्त करके ही वह अपने शिक्षार्थियों को ज्ञान दे सकता है। यह बातें गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कही।

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वह विवि के मानव संसाधन विकास केंद्र की तरफ से गुरु दक्षता मॉड्यूल्स के दिशानिर्देश पर आधारित विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों के नवनियुक्त शिक्षकों के लिए आयोजित संकाय प्रेरणा कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास केंद्र के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने की। विश्वविद्यालय की शिक्षा संकाय की डीन प्रो. वंदना पूनिया भी इस दौरान उपस्थित रही।

प्रो. टंकेश्वर ने कहा कि शिक्षकों के पास मानवीय मूल्यों की धरोहर होनी चाहिए। इन मूल्यों को विद्यार्थियों को कक्षाओं के माध्यम से प्रेषित करना चाहिए। शिक्षकों को अपने जीवन के अनुभव से भी न केवल खुद सीखना चाहिए, बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी अवगत कराना चाहिए। समय की पाबंदी, उत्कृष्टता के लिए पूर्णतया और राष्ट्र प्रथम की भावना, जैसे ऐसे कुछ मुख्य मूल्य हैं, जो शिक्षण मूल्यों से जुड़े हुए हैं। इन्हें शिक्षण के समय आत्मसात करना चाहिए, ताकि छात्र इनका पालन करें तथा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ें।

निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने कहा कि यह ऑनलाइन मोड के माध्यम से मानव संसाधन विकास केंद्र का पहला संकाय प्रेरणा कार्यक्रम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम अब ऑनलाइन शिक्षण वातावरण से निपटने में सक्षम है क्योंकि हमारे पास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए अच्छी बुनियादी सुविधाएं और डिजिटल तकनीक है।

प्रो. वंदना पुनिया पाठ्यक्रम समन्वयक ने पूरे कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही जानकारी दी कि इस ऑनलाइन कार्यक्रम में हमने गूगल मीट, गूगल क्लासरूम, गूगल ड्राइव और अन्य संदर्भ आधारित जी-सूट अनुप्रयोगों का पूरी तरह से उपयोग किया है। पाठ्यक्रम समन्वयक अनुराग सांगवान ने धन्यवाद ज्ञापन किया और मंच संचालन किया।


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