रोहतक में वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के लिए घर-घर दस्तक दे रहे शिक्षक, स्कूल मुखियाओं से होगा जवाब तलब
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से हल्फनामा देकर कहा गया है कि वैक्सीनेशन लगवाना स्वेच्छिक है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि वैक्सीनेशन के लिए किसी को बाध्य न करें। ऐसे हालातों में शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ी हुई है।
रोहतक, जागरण संवाददाता। वैैक्सीनेशन अब 15 से 18 साल के बच्चों को भी कराया जा रहा है। जिसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी इस आयु के विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र अवसर एप पर अपलोड करने के लिए लगाई गई है। जिसके शिक्षकों को मुश्किलें पेश आ रही हैं और वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के लिए गुरुजी घर-घर तक भी दस्तक दे रहे हैं। ताकि वे अपने स्कूल से संबंधित वैक्सीनेशन डाटा अपलोड कर सकें।
सौ प्रतिशत प्रमाण पत्र अपलोड न होने पर शिक्षक व स्कूल मुखियाओं से होगा जवाब तलब
शिक्षकों की मानें तो उनकी मुश्किलें इसलिए बढ़ रही हैं कि अनेक अभिभावक अपने बच्चों को वैक्सीनेशन नहीं करा रहे हैं। ऐसे में शिक्षक जब अभिभावकों से संपर्क करते हैं तो 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए अभिभावक उन्हें आश्वासन दे रहे हैं। उधर, किसी जिले में तो शिक्षकों को सौ प्रतिशत वेक्सीनेशन प्रमाण पत्र अपलोड न करने पर स्कूल मुखियाओं को स्पष्टीकरण भी देने को कहा गया है। शिक्षकों को इस कार्य में लगाने से आनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है जबकि मार्च में वार्षिक परीक्षाएं भी होनी हैं।
वैक्सीनेशन के लिए बाध्य न करें
हालांकि अभिभावकों की मानें तो पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से हल्फनामा देकर कहा गया है कि वैक्सीनेशन लगवाना स्वेच्छिक है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि वैक्सीनेशन के लिए िकिसी को बाध्य न करें। ऐसे हालातों में शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ी हुई है। सभी विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र मिल नहीं रहे हैं और कुछ जिलों में अधिकारियों ने वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र अपलोड न करने पर शिक्षकों व स्कूल मुखिया से जवाब तलब किए जाने की हिदायत दी हुई है।
इस आयु के विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र न मिल पाने से मुश्किल में शिक्षक
गांवों में अनेक अभिभावक ऐसे है जो अपने बच्चों को वैक्सीनेशन ही नहीं करवाना चाहते हैं। जबकि दूसरी तरफ शिक्षकों को इन बच्चाें के वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र अपलोड करने के लिए आदेश दिए गए हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी कहा है कि वैक्सीनेशन स्वेच्छिक हैं। ऐसे में अगर कोई वैक्सीनेशन नहीं लगवाना चाहता है तो उन पर कोई दबाव न बनाया जाए।
----- यशवंत सिंह, प्रधान, अभिभावक संघ, रोहतक।
जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार
विभाग की ओर से शिक्षकों व विद्यार्थियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही जिन्होंने वैक्सीनेशन कराया है उनके प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं। यह विभाग का रुटीन कार्य है। कोई शिक्षक परेशान नहीं हो रहा है। सामान्य रूप से कार्य हो रहा है।
---- डा. विजयलक्ष्मी, जिला शिक्षा अधिकारी, रोहतक।