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चचेरे भाई की जमीन पर धोखाधड़ी से ले लिया 15 लाख का लोन, शिकायत करने पर डीआरओ, तहसीलदार, कानूनगो से मिलीगत कर निपटा दिया मामला

संवाद सहयोगी हांसी ढढेरी गांव में रिटायर्ड वीएलडीए डाक्टर की जमीन हड़पने की नीयत से

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 07:56 AM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 07:56 AM (IST)
चचेरे भाई की जमीन पर धोखाधड़ी से ले लिया 15 लाख का लोन, शिकायत करने पर डीआरओ, तहसीलदार, कानूनगो से मिलीगत कर निपटा दिया मामला
चचेरे भाई की जमीन पर धोखाधड़ी से ले लिया 15 लाख का लोन, शिकायत करने पर डीआरओ, तहसीलदार, कानूनगो से मिलीगत कर निपटा दिया मामला

संवाद सहयोगी, हांसी : ढढेरी गांव में रिटायर्ड वीएलडीए डाक्टर की जमीन हड़पने की नीयत से बैंक ऋण लेने और मलकियत ट्रांसफर करने का बड़ा मामला सामने आया है। जमीन हड़पने की पटकथा रचने वाले चचेरे भाई, दो तहसीलदार, डीआरओ, बैंक शाखा प्रबंधक सहित आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिला पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्रारंभिक जांच के बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अहम सुबूत मिलने पर एफआइआर दर्ज की गई है।

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ढढेरी गांव निवासी सुलतान सिंह ने बताया कि उसके परिवार की गांव ढढेरी में सांझा खाते में 210 कनाल जमीन थी। जिसका बंटवारा तीन भाईयों में हुआ था। उसके चचेरे भाई रामनिवास ने धोखाधड़ी करते हुए वर्ष 2013 में उसके हिस्से की जमीन पर बैंक से 15 लाख रुपये का बैंक ऋण ले लिया। आरोप है कि बैंक ने नियमों को दरकिनार करते हुए ये ऋण दे दिया। रामनिवास ने जमीन के एक हिस्से पर अपने बेटे जोगिद्र के नाम से धोखाधड़ी से बैंक से 15 लाख रुपये का बैंक ऋण ले लिया। ऋण लेने के लिए जमीन की कीमत महज 1.50 लाख रुपये दर्शाई गई। जमीन के जिन नंबरों पर बैंक ऋण लिया गया था वह राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सुलतान सिंह के जमीन के खाते में जोड़ दिए गए। इस मामले में शिकायतकर्ता ने तत्कालीन तहसीलदार सुखबीर बूरा के समक्ष भी शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन आरोप है कि उन्होंने दूसरे पक्ष के हक में फैसला दिया। आखिरकार हताश सुलतान सिंह प्रदेश सरकार में वित्त सचिव आइएएस अशोक खेमका के पास भी शिकायत की गई थी जिसकी जांच में इस बैंक ऋण लेने की पूरी प्रक्रिया को गलत बताया गया। जिला पुलिस के पास पिछले वर्ष डा. सुल्तान सिंह ने शिकायत दी थी। इस मामले में इकॉनोमिक सेल ने प्रारंभिक जांच की और इसके बाद सोमवार को सुलतान सिंह के भाई रामनिवास व उनके बेटे जोगिद्र, तत्कालीन नायब तहसीलदार अनिल कुमार पुरूथी, नंबरदार रत्ना सिंह, तत्कालीन तहसीलदार व वर्तमान में डीआरओ सूखबीर बूरा, कानूनगो राजेंद्र सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

न्याय की उम्मीद जगी है

सालों से न्याय के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा हूं। आखिर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। आरोपितों ने मुझे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अधिकारियों ने भी मेरी सुनवाई नहीं की और रिश्वत का खेल चलता रहा। वित्त आयुक्त अशोक खेमका ने जरूर निष्पक्ष जांच करते हुए मेरी जमीन पर लोन को गलत बताया था।

- डा. सुलतान सिंह, शिकायतकर्ता

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तहसीलदार ने दिया अजीब फरमान

पुलिस को दी शिकायत के अनुसार तत्कालीन तहसीलदार ने मामले में हिस्सेदारी बांटने को लेकर सुनवाई करते हुए जिस जमीन पर धोखाधड़ी से लोन लिया गया था वह सुलतान सिंह के नाम कर दी और बगैर बैंक ऋण की जमीन करीब 30 कनाल दूसरे पक्ष को दे दी। आरोप है कि ये तहसीलदार ने आरोपितों से मोटी रिश्वत लेकर ये पूरा खेल किया।

पुलिस ने शुरू की जांच

जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में पुलिस ने आर्थिक अपराध शाखा की प्रारंभिक जांच के बाद आठ व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में पुलिस गहनता से जांच कर रही है।

- सुभाष शर्मा, पुलिस प्रवक्ता, हांसी पुलिस


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