GJU Exams : ऑनलाइन परीक्षा सिस्टम को संभाल न सकी जीजेयू, परीक्षा के दूसरे ही दिन सिस्टम क्रैश
परीक्षार्थियों ने बिना लिंक हुए परीक्षा दे दी। गैर हाजिरी लगी या यूएमसी बनी बाद में पता चलेगा। महिला कॉलेज की छात्राओं ने लिखित शिकायत भेजी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 57 यूएमसी बनाई। नकल रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई। 5 टीचर पर एक कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया।
हिसार [भूपेंद्र पंवार]। गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी अपने ऑनलाइन परीक्षा सिस्टम को संभाल नहीं पाई। परीक्षा के दूसरे ही दिन सिस्टम क्रैश हो गया। इस कारण 100 से ज्यादा विद्यार्थियों को जहां एक ओर ऑनलाइन मीटिंग का लिंक ही नहीं मिल पाया वहीं दूसरी ओर प्रश्न पत्र भी देरी से मिला। ऐसे में परीक्षार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। विद्यार्थियों ने बिना लिंक हुए ही परीक्षा दे दी। महिला कॉलेज की छात्राओं ने लिखित शिकायत भेजी और समस्या के समाधान की मांग की।
जीजेयू की ओर से ऑनलाइन परीक्षा शुरू की गई है। पहले दिन आई परेशानियों को दूर करने के लिए दूसरे दिन नए सिरे से प्लानिंग की गई। लेकिन दूसरे दिन सिस्टम सुधरने की बजाय और बिगड़ गया। सुबह की परीक्षा के दौरान यूनिवर्सिटी की ओर से विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र तो ई-मेल पर भेज दिए गए लेकिन इसके बाद सिस्टम क्रैश हो गया। इस कारण अलग-अलग कॉलेजों के 100 से ज्यादा विद्यार्थी कनेक्ट नहीं हो पाए।
ऐसे में जहां एक ओर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गैर हाजिरी लगा दी वहीं दूसरी ओर जाे बाद में कनेक्ट हुए, उनकी यूएमसी बना दी। राजकीय महिला कॉलेज की बीएससी की छात्राओं पूनम, मीनू, ज्योति, कोमल, मंजू, कविता सहित अन्य छात्राओं ने लिखित शिकायत भेजकर समाधान की मांग की है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के नाम शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल को जमा करवाई।
विद्यार्थियों की जुबानी-परीक्षा समस्या की कहानी
ऑनलाइन मीटिंग का लिंक नहीं मिला
जाट कॉलेज के बीए फाइनल के छात्र दीपक ने बताया कि यूनिवर्सिटी की ओर से उसकी ई-मेल पर प्रश्न पत्र तो समय पर आ गया। लेकिन परीक्षा शुरू करने से पहले ऑनलाइन मीटिंग कनेक्ट करने की कोशिश की तो लिंक नहीं मिला।
हेल्पलाइन पर नहीं हुआ समाधान
बीएससी के छात्र अजय ने बताया कि ऑनलाइन मीटिंग में कनेक्ट ना होने पर उन्होंने कॉलेज और यूनिवर्सिटी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने का प्रयास किया। लेकिन समाधान नहीं हुआ।
सुपरवाइजर ने यूएमसी बना दी
राजकीय महिला कॉलेज की छात्रा सिमरन ने बताया कि ऑनलाइन मीटिंग जवाइन करने का प्रयास किया तो कनेक्ट नहीं हुआ। ऐसे में जब कनेक्ट हुआ तो सुपरवाइजर ने यूएमसी बना दी।
कॉलेज समाधान कर पाया, न यूनिवर्सिटी प्रशासन
राजकीय महिला कॉलेज की छात्रा ज्योति ने बताया कि पूरी कक्षा की छात्राओं के साथ इसी प्रकार की दिक्कत आई। लेकिन ना तो कॉलेज समाधान कर पाया और ना ही यूनिवर्सिटी प्रशासन। ऐसे में उन्हें शिकायत भेजनी पड़ी।
सख्ती के साथ मॉनीटरिंग, 57 की बनी यूएमसी
ऑनलाइन परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों ने नकल के लिए स्मार्ट तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी के सुपरवाइजर इन्हें पकड़ रहे हैं और यूएमसी बना रहे हैं। अब सोमवार से नया फैसला लिया है और इसके तहत 5 टीचर पर एक कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। सोमवार को दो सत्रों में परीक्षा हुई। प्रात:कालीन सत्र में 1446 परीक्षार्थियों को शामिल होना था, इसमें से 1325 उपस्थित हुए। इस दौरान 38 नकल मारने वाले विद्यार्थियों के यूएमसी बनाए गए।
संध्याकालीन सत्र में 19 नकल के केस
इसी प्रकार सायंकालीन सत्र में 1077 परीक्षार्थियों को हिस्सा लेना था। इसमें से 1031 परीक्षार्थी आए। 19 परीक्षार्थियों के नकल केस बने। परीक्षा कोर्डिनेटर ओपी सांगवान ने बताया कि मंगलवार को विद्यार्थियों ने अलग-अलग तरीके से नकल की। कई विद्यार्थियों ने इयरफोन लगा रहे थे और सिर ढक रखा था। इसके अलावा एक परीक्षार्थी ने उत्तर पुस्तिका के नीचे पुस्तक रखी थी। इतना ही नहीं एक परीक्षार्थी ने पर्ची से नकल करने की कोशिश की।
शांतिपूर्वक हुई है परीक्षा : प्रो. यशपाल सिंगला
जीजेयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशपाल सिंगला ने बताया कि सोमवार को दो सत्रों में परीक्षा हुई है। परीक्षा से पहले ही सभी परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र भेज दिए गए थे। जो समस्याएं आई, उनका समाधान भी तुरंत कर दिया गया था। नकल रोकने के भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं और 5 टीचर पर एक कोर्डिनेटर नियुक्त किया गया है।
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