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सर्वे : 98 फीसद लोगों ने माना मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य और दिल के लिए हानिकारक, सावधानी जरूरी

मोबाइल रेडिएशन से गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर तो होता ही है इससे प्रजनन क्षमता में भी गिरावट आ रही है। वहीं याददाश्त पर असर पड़ना आंखों पर दुष्प्रभाव सहनशक्ति में कमी ब्रेन टयूमर लकवा जैसी बीमारियों भी सामने आ रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 01:24 PM (IST)
सर्वे : 98 फीसद लोगों ने माना मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य और दिल के लिए हानिकारक, सावधानी जरूरी
मोबाइल और इनके टावर का असर मनुष्य के साथ-साथ दुधारु पशुओं पर भी देखने को मिल रहा है।

हिसार, जेएनएन। आधुनिकता की तरफ बढ़ते कदम ने सबके हाथों में मोबाइल तो थमा दिया है, लेकिन इसके साथ ही हमें मिला है रेडिएशन यानि रेडियो फ्रिक्वेंसी एनर्जी का खतरा। मोबाइल के अधिक समय तक उपयोग के कारण हम लगातार रेडिएशन के संपर्क में रहते है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है इससे गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर तो होता ही है, इससे प्रजनन क्षमता में भी गिरावट आ रही है।

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वहीं याददाश्त पर असर पड़ना, आंखों पर दुष्प्रभाव, सहनशक्ति में कमी, ब्रेन टयूमर, लकवा जैसी बीमारियों भी सामने आ रही है। मोबाइल और इनके टावर का असर मनुष्य के साथ-साथ दुधारु पशुओं पर भी देखने को मिल रहा है।

इस समस्या को समझते हुए और लाेगों को इस समस्या के प्रति जागरुक करने को लेकर हिसार के अर्बन एस्टेट निवासी रिटायर्ड इंडियन एयरफोर्स एसजीटी और इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन में इंजीनियरिंग कर चुके राजकुमार पूनिया ने मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभावों को लेकर 60 लोगों पर एक सर्वे किया है। यह सर्वे हिसार शहर और नजदीकि गांव, हांसी, इंजीनियरिंग कॉलेज जहां पर मोबाइल टावर लगे हुए है। इन क्षेत्रों में सर्वे किया गया है। सर्वे में 98 फीसद लोगों ने माना है कि मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य और दिल के लिए हानिकारक है।

80 फीसद लोगों का मानना है कि इससे कैंसर, मनुष्य और पशुओं में प्रजननन संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। 62 फीसद लोगों का मानना है कि इससे दुधारु पशु दूध कम देने लगे है। 78 फीसद लोगों का मानना है कि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई सही नहीं है। 99 फीसद लोगों का मानना है कि इससे पक्षियों की संख्या कम हो गई है। लोग जरुरत से ज्यादा समय तक फोन पर बात करते है। जो उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

वाई-फाई के रेडिएशन से भी खतरा -

सर्वे में सामने आया कि वाई-फाई के रेडिएशन से भी बहुत अधिक खतरा है। वाई-फाई की रेंज करीब 35 से 40 मीटर तक है। अगर हम अपने घर में बैठे है तो भी रेडिएशन हमारे पास तक पहुंच रही होती है। राजकुमार पूनिया ने मामले में प्रशासन से मांग रखी है कि उन्होंने माेबाइल रेडिएशन से बढ़ते खतरे को देखते हुए जो सर्वे किया है। उसके अनुसार मोबाइल रेडिएशन बहुत खतरनाक है। सिगरेट की तर्ज पर हर फोन के उपर यह लिखा जाना चाहिए की यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सर्वे के दौरान कई लोगों ने कहा कि वे मोबाइल का अधिक से अधिक प्रयोग कर सकेंगे।

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