रोहतक में पीएलसी सुपवा के फाउंडेशन बैच के स्टूडेंट्स पहुंचे कैंपस, आफलाइन क्लास की मांग
रोहतक में पीएलसी सुपवा के फाउंडेशन बैच के स्टूडेंट्स आफलाइन क्लास की मांग को लेकर कैंपस पहुंचे। एफटीवी के फाउंडेशन बैच के स्टूडेंट्स का कहना है कि उनका कोर्स पूरी तरह से प्रैक्टिकल आधारित है। शिक्षकों एवं अधिकारियों को समझना चाहिए कि आफलाइन क्लास लगाई जाए।
जागरण संवाददाता, रोहतक। पंडित लख्मीचंद यूनिवर्सिटी आफ परर्फोमिंग एंड विजुअल आर्ट्स (पीएलसी सुपवा) की फैकल्टी आफ फिल्म एंड टेलीविजन (एफएफटीवी) के फाउंडेशन बैच (फर्स्ट ईयर) के स्टूडेंट्स आफलाइन क्लास की मांग को लेकर कैंपस पहुंचे हैं। स्टूडेंट्स करीब एक सप्ताह से संचालित आनलाइन क्लास का बायकाट कर रहे हैं। चार बार लिखित में शिकायत करने पर समाधान नहीं हुआ तो स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन का रास्ता अपनाया है। स्टूडेंट्स फैकल्टी कोर्डिनेटर जितेंद्र शर्मा क पास गए लेकिन उन्हें यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि विवि अधिकारी ही क्लास के मोड पर निणर्य ले सकते हैं। इसके बाद स्टूडेंट्स डीन एकेडमिक अफेयर्स डा. अजय कौशिक से मिलने पहुंचे हालांकि, वह अभी तक उनसे मिल नहीं पाए।
कुछ स्टूडेंटस नहीं लगा रहे क्लास
दूसरी ओर सुपवा के अधिकारियों का कहना है कि महज कुछ ही स्टूडेंट्स क्लास नहीं लगा रहे। आनलाइन क्लास सही तरह से नियमित लगाई जा रही है। अक्टूबर के पहले माह से फाउंडेशन बैच यानि की सत्र 2021-22 के स्टूडेंट्स की की आनलाइन क्लास संचालित हैं। स्टूडेंट्स आफलाइन क्लास की मांग कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि आनलाइन क्लास में नेटवर्क इश्यू लगभग हर रोज ही रहता है। करीब 20 प्रतिशत सिलेबस आनलाइन मोड में कराया भी जा चुका है। लेकिन, स्टूडेंट्स को कुछ समझ नहीं आया है। प्रैक्टिकल कोर्स को आनलाइन कराकर खानापूर्ति की जा रही है। स्टूडेंट्स ने बताया कि वह फैकल्टी कोर्डिनेटर, फाउंडेशन बैच कोर्डिनेटर, डीन एकेडमिक अफेयर्स, व अन्य अधिकारियों को अपनी समस्या से लिखित में अवगत करा चुके हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि वह 15 नवंबर, 11 नवंबर, आठ नवंबर और 18 अक्टूबर को लिखित में आफलाइन क्लास की मांग कर चुके हैं। हमारी समस्या को लेकर किसी प्रकार की बातचीत ही नहीं की जा रही। रोष में आकर क्लास बायकाट कर दी है।
प्रैक्टिकल कोर्स, आफलाइन क्लास जरूरी
एफटीवी के फाउंडेशन बैच के स्टूडेंट्स का कहना है कि उनका कोर्स पूरी तरह से प्रैक्टिकल आधारित है। शिक्षकों एवं अधिकारियों को समझना चाहिए कि आफलाइन क्लास लगाई जाए। आनलाइन क्लास लगाकर खानापूर्ति की जा रही है। आनलाइन क्लास से स्टूडेंट्स के कांसेप्ट क्लियर नहीं हो रहे। अक्टूबर माह से क्लास लग रही हैं लेकिन, स्टूडेंट्स को फिल्म मेकिंग के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
करीब 50 स्टूडेंट्स फाउंडेशन बैच से
फैकल्टी आफ फिल्म एंड टेलीविजन के फाउंडेशन बैच में करीब 50 स्टूडेंट हैं। 75 सीट की फैकल्टी में इस बार काफी सीट पर एडमिशन नहीं हुए। यहां एक्टिंग, डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, आडियोग्राफी और एडिटिंग के डिपार्टमेंट है। सभी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट फर्स्ट ईयर में कामन सिलेबस पढ़ते हैं। सेकेंड ईयर स्पेशलाइजेशन शुरू हो जाती है।