Move to Jagran APP

जीजेयू में छात्रा का सुसाइडः छात्रा की गाइड और प्रो. संदीप की ई मेल से हुए नए खुलासे

जीजेयू में हिसार निवासी पीएचडी शोधार्थी सोनिया डबास के जहर निगलकर आत्‍महत्‍या कर ली थी। युवती ने जीजेयू की लैब में ही जहर निगल लिया। युवती के पिता ने इस मामले में कई गंभीर आरोप लगाए थे। युवती लैब से कंप्‍यूटर दूसरी जगह भेजे जाने से परेशान थी।

By Edited By: Published: Sat, 22 May 2021 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 08:24 AM (IST)
जीजेयू में छात्रा का सुसाइडः छात्रा की गाइड और प्रो. संदीप की ई मेल से हुए नए खुलासे
जीजेयू बायो एंड नैनो विभाग में एक पीएचडी छात्रा ने लैब में जहर निगलकर सुसाइड कर लिया था।

हिसार, जेएनएन। जीजेयू के बायो एंड नैनो विभाग में 26 वर्षीय छात्रा द्वारा सुसाइड के मामले में नई बात सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रो. संदीप ने पीएचडी गाइड को 10 मई को दोपहर दो बजे ईमेल की थी। ईमेल में लिखा था कि आपको मैसेज और टेलीफोन पर पिछले 10 दिनों से कहा जा रहा है। इसलिए कंप्यूटर सर्वर को आज ही भिजवा दें, इसकी वाइस चांसलर कार्यालय में तत्काल जरूरत है।

loksabha election banner

प्रो. नमिता ने इस ईमेल का रिप्लाई करते हुए लिखा था कि यह कंप्यूटर सर्वर उसकी पीएचडी छात्रा यूज कर रही है। इस बारे में मैंने आपको 29 अप्रैल को भी सूचित कर दिया था। यह नौ लाख का कंप्यूटर सर्वर है, जिसमें 5.71 लाख हार्डवेयर के हैं और तीन लाख रुपये का सॉफ्टवेयर है। मैंने आपको पहले कई बार फोन पर बताया है। प्रो. नमिता ने ईमेल में लिखा था कि उसे सर्वर देने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। लेकिन मैं इसे आपके मौखिक आदेशों पर कुलपति कार्यालय को उपलब्ध नहीं करवा सकती।

प्रो. नमिता ने लिखा कि इसके लिए पूरी प्रक्रिया से इसे कुलपति कार्यालय को ट्रांसफर करने का प्रोसेस पूरा करें। साथ ही उसकी पीएचडी छात्रा के शोधकार्य के नुकसान और इस कंप्यूटर में इंस्टॉल किए गए सॉफ्टवेयर के नुकसान की भी जिम्मेदारी लेनी होगी। यह ईमेल सामने आने से इस बात का खुलासा हुआ है कि 29 अप्रैल से छात्रा से कंप्यूटर मांगा गया था। चेयरपर्सन और कुलपति से छात्रा ईमेल और फोन के जरिये इसे न लेने की मांग कर चुकी थी।

नौ लाख के कंप्यूटर सर्वर में इंस्टॉल था रिसर्च सॉफ्टवेयर

नौ लाख रुपये कीमत के कंप्यूटर सर्वर में ड्रग मॉलिक्यूलर रिसर्च से संबंधित सॉफ्टेवयर इंस्टॉल किया गया था। यह सॉफ्टेवयर कंप्यूटर को बनाने के दौरान ही इंस्टॉल किया जाता है। इसलिए इस सॉफ्टवेयर को किसी अन्य कंप्यूटर में इंस्टॉल नहीं किया जा सकता। मामले में कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा था उन्हें जब पता लगा कि छात्रा कंप्यूटर यूज कर रही है तो कंप्यूटर सर्वर किसी अन्य विभाग से मंगवा लिया था। इसके बाद मैकेनिकल विभाग से कंप्यूटर सर्वर मिल गया था।

तीन सदस्यीय कमेटी 27 को सौंपेगी रिपोर्ट

शुक्रवार को तीन सदस्यीय कमेटी की इस मामले में सुबह 11 बजे बैठक हुई। जिसमें मामले के बारे में जांच की गई है और संबंधित लोगों से भी बातचीत की गई है। कमेटी सदस्या प्रो. उषा अरोड़ा ने बताया कि मामले में जांच कर रहे हैं, रिपोर्ट 27 मई तक कुलपति को दी जाएगी। वहीं पुलिस ने इस मामले में घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज बरामद कर ली है। हालांकि लैब में अंदर की सीसीटीवी फुटेज उन्हें नहीं मिल पाई है। कुलपति ने तीन सदस्यों की कमेटी में डीन एकेडमिक अफेयर उषा अरोड़ा, प्रोक्टर विनोद बिश्नोई, चीफ वार्डन प्रो. राकेश बहमनी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।

यह था मामला

गौरतलब है कि बीते सोमवार को जीजेयू बायो एंड नैनो विभाग में एक पीएचडी छात्रा ने लैब में जहर निगलकर सुसाइड कर लिया था। मृतका के पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। पुलिस को लैब से एक केमिकल से भरी छोटी शीशी बरामद हुई थी। पुलिस ने यह केमिकल मिलान के लिए लैब में भेजा है। शव से मिले केमिकल से मिलान करके देखा जाएगा कि क्या छात्रा ने लैब के केमिकल से ही सुसाइड किया या सुसाइड में कोई जहर लिया गया है।

गाइड ने छात्रा को किया था फोन

मामले में सूत्रों से जानकारी मिली है कि छात्रा की गाइड प्रो. नमिता ने उसे फोन किया था। लेकिन उस दौरान लैब में मौजूद छात्रा ने उनका फोन पिक नहीं किया। फुटेज में सामने आया था कि छात्रा 10 बजे लैब में पहुंची थी और उसकी गाइड 12.30 बजे लैब आई थी।

पिता ने लगाया था अवैध संबंध बनाने के दबाव का आरोप

मृतका के पिता की शिकायत पर उपरोक्त विभाग के चेयरपर्सन संदीप और उसकी पीएचडी गाइड नमिता के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। मृतका के पिता ने आरोप लगाए थे कि उसकी बेटी के उपर चेयरपर्सन ने अवैध संबंध बनाने का दबाव दिया था। जिसके कारण उसकी बेटी ने जहर निगल अपनी जान दे दी थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.