Move to Jagran APP

बहादुरगढ़ की एक शिक्षिका की ये है कहानी, योग सीखकर बांटने निकली है स्‍वस्‍थ रहने का ज्ञान

तंत्र के गण बहादुरगढ़ की सुनील देवी हर किसी के जीवन से व्याधियों का अंधेरा दूर करने में जुटी हैं। उनका यह मिशन ज्यादा पुराना तो नहीं मगर शिद्दत इसमें कहीं ज्यादा गहरी है। विद्यार्थी से लेकर एक आम व्यक्ति को वे योग का पाठ पढ़ाने को जुनूनी है

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:20 AM (IST)
बहादुरगढ़ की एक शिक्षिका की ये है कहानी, योग सीखकर बांटने निकली है स्‍वस्‍थ रहने का ज्ञान
बहादुरगढ़ की सुनील देवी हर किसी को योग करना सीखा रही हैं

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : भागदौड़ भरी आज की जिंदगी में अच्छा स्वास्थ्य जब किसी चुनौती से कम नहीं, तब एक नारी के मन की चाह दूसरों लिए स्वस्थ रहने की राह प्रशस्त कर रही है। सदियों से जिस योग विद्या ने इंसानी जीवन को नया उजाला दिया है, उसी के जरिये बहादुरगढ़ की सुनील देवी हर किसी के जीवन से व्याधियों का अंधेरा दूर करने में जुटी हैं। उनका यह मिशन ज्यादा पुराना तो नहीं, मगर शिद्दत इसमें कहीं ज्यादा गहरी है।

loksabha election banner

विद्यार्थी से लेकर एक आम व्यक्ति को वे योग का पाठ इस कद्र पढ़ाने को जुनूनी है, जिससे जिंदगी में स्वस्थ तन-मन के रंग भरे जा सके। बहादुरगढ़ के दयानंद नगर निवासी सुनील देवी (38) ने वैसे कैरियर के लिए तो एजुकेशन लाइन को चुना। आठ साल तक जेबीटी शिक्षिका भी रही, लेकिन मन में हमेशा ही दूसरों के लिए बहुत कुछ करने की उधेड़बुन चलती रही। फिर एक दिन साेचा कि वे दूसरों के लिए ऐसा कर सकती हैं जो जीवन को नई ऊर्जा दे।

तब योग के प्रचार की ठानी, ताकि इसके जरिये हर कोई स्वस्थ रह सके। चूंकि वे दो बच्चों की मां हैं और उनके पति नवीन सिंगरोहा प्राइवेट नौकरी करते हैं। इसलिए घर भी संभालना था और इस सपने को हकीकत में बदलना भी था। इसलिए दूरस्थ शिक्षा केंद्र से योग की पढ़ाई शुरू की। डिग्री हासिल की और आज वे खुद चलकर शहर व गांवों के मुहल्लों में योग सिखाने जाती हैं। कहीं एनएसएस कैंप हो या कोई सेमिनार अथवा खेल विभाग की तरफ से लगने वाले प्रशिक्षण कैंप, सभी मे वे योग का ज्ञान बांटती हैं।

साथ में स्वस्थ रहने के खान-पान की आदतों से जुड़े कुछ टिप्स भी देती हैं। ट्रैफिक पुलिस के साथ एक फैक्ट्री के सेमिनार में गई तो कर्मियों को ताली बजाने की क्रिया से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक असर का मर्म समझाया। सुनील देती कहती हैं कि पहला सुख निरोगी काया की बात को वे लोगों के लिए निजी अनुभव बनाने की चाह रखती हैं। ताकि हर कोई योग से जुड़कर न केवल निरोग रहे बल्कि देश और समाज के उत्थान में योगदान भी दे। जब तन स्वस्थ्य होगा और मन में शांति व सकारात्मक ऊर्जा का समावेश होगा, तभी तो अच्छे भविष्य की कल्पना की जा सकती है।

गांवों में सिखाने जाती हैं योग

सुनील देवी क्षेत्र के गांव लोवा कला व ईस्सरहेड़ी में भी योग सिखाने जाती हैं। करीब तीन साल से उन्होंने यह मुहिम शुरू की है। हजारों लोगों को योगाभ्यास करवा चुकी हैं। वे बताती हैं कि योग के अभ्यास से लोगों की वे बीमारियां भी दूर हो रही हैं, जिनके लिए वे कई साल से दवा खा रहे थे। बहुत सी बीमारियों का इलाज हमारे शरीर के अंदर ही है। बस जरूरत है तो योग के जरिये उस रोग नाशक शक्ति को जागृत करने की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.