प्रदेश की खापों ने नारनौंद में की रणनीति तैयार
प्रदेश की खापों ने अनेक ऐतिहासिक फैसले लेकर समाज में आईना दिखाने का काम किया है।
सुनील मान, नारनौंद : प्रदेश की खापों ने अनेक ऐतिहासिक फैसले लेकर समाज में आईना दिखाने का काम किया है और खापों ने समय-समय पर सामाजिक मुद्दों पर भी सरकार को जगाने का काम किया है। अब एक बार फिर प्रदेश की खापें कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ मुखर हो रही हैं। शनिवार को नारनौंद में प्रदेश भर के खापों के चौधरी इकट्ठे हुए और चंडीगढ़ में राजभवन के घेराव का एलान कर दिया। एलान के बाद सरकार की नींद आराम होना लाजमी है।खापों को लेकर खुफिया तंत्र विभाग भी सतर्क हो गया है। पंचायत का मुख्य अजेंडा किसान आन्दोलन में खापों की क्या भूमिका है। तथा आज तक सभी खापों ने कितना योगदान दिया है। आन्दोलन को मजबूत करने के लिए खापों को क्या-क्या करना चाहिए।इस पर भी गहरा मंथन किया गया। किसान आन्दोलन में मजदूर व्यापारी व महिला संगठनों को प्रेरित किया और बताया कि यह आन्दोलन जन-जन का है। इसलिए इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। इस अवसर पर यह भी फैंसला लिया गया कि 26 जून को संयूक्त मोर्चा के आदेशानुसार राजभवन का घेराव किया जाएगा। सभी खापें संयुक्त किसान मोर्चे के आदेशों को पुरजोर तरीके से लागू रखें। सतरोल खाप के प्रधान रामनिवास लोहान ने कहा कि किसान नेता गांव गांव जाकर 26 जून को राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए चंडीगढ़ पहुंचने के लिए किसानों को प्रेरित करेंगे। इस मौके पर मा. फूलकुमार पेटवाड़, रोघी प्रधान सुमेर जागलान, बारह खाप प्रवक्ता राजकुमार राखी, महिला नेता अनूसूरा, सतीस चैयरमैन , प्रथ्वी सिंह, कृष्ण, महिपाल, मा प्रताप सिंह, जगदीश सर्वखाप प्रधान, माकड़ मोर, रामचंद्र, उदय जमावड़ी, शीलू लोहान, बलवान आदि किसान नेताओं ने अपने विचार रखे। बॉक्स इसके अतिरिक्त आन्दोलन के जिला नेता सतबीर पुनिया व सोमबीर पिलानिया व रामकुमार मोहला ने कहा की अब पूरी मजबूती के साथ आंदोलन की लड़ाई तेज की जाएगी। ताकि सरकार की नींद खुल सके।अब घर घर से किसान ये लड़ाई लड़ने के लिए दिल्ली भी कुछ करेंगे। बॉक्स बाहरा खाप के प्रवक्ता राजकुमार राखिने बताया कि किसान आंदोलन को पूरी मजबूती के साथ लड़ा जाएगा। और चंडीगढ़ में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर राजभवन का घेराव करेंगे और राज्यपाल को यह तीनों कृषि कानून रद्द करवाने के लिए ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। बॉक्स रोघी खाप के प्रधान सुमेर जागलान ने बताया कि सरकार जल्द से जल्द तीनों कृषि कानून रद्द करें। अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो प्रदेश की सभी खापे इस आंदोलन में पूरी मजबूती के साथ उनका साथ देंगी और सरकार की चुल हिलाने का काम करेंगी। चंडीगढ़ में किसान जब गरजेंगे तब सरकार की आंख खुलेगी।