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हांसी मेम बाग की जमीन की रजिस्ट्रियों में लाखों की स्टांप चोरी, एसडीएम जांच में खुलासा, विधायक कटघरे में

लाखों रुपये के स्टाम्प चोरी के मामले को उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि उनकी सत्तारुढ़ पार्टी के नेता राजेश ठकराल ही हैं। ठकराल ने आरोप लगाया है मेम के बाग की जमीन पर के खसरा नंबर 1037 की रजिस्ट्रियों में स्टाम्प ड्यूटी में लाखों रुपये का गोलमाल किया गया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:00 PM (IST)
हांसी मेम बाग की जमीन की रजिस्ट्रियों में लाखों की स्टांप चोरी, एसडीएम जांच में खुलासा, विधायक कटघरे में
हांसी के मेम बाग की जगह पर कॉलोनी काटने का मामला उलझता जा रहा है

हिसार/हांसी, जेएनएन। मेम के बाग की रजिस्ट्रियों में स्टाम्प ड्यूटी की चोरी कर सरकारी खजाने को लाखों रुपये की चपत लगाने के मामले का खुलासा हुआ है। इस बार फिर विधायक विनोद भयाना सवालों के कटघरे में हैं। दरअसल, जिन रजिस्ट्रियों में स्टाम्प ड्यूटी कम भरने के आरोप लगे हैं उनमें उनकी पत्नी व समधी के नाम भी शामिल हैं। एसडीएम की जांच में लाखों रुपये की स्टाम्प चोरी पकड़ी गई है और मामले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के दरबार में पहुंच चुका है जो पहले से ही प्रदेश में रजिस्ट्री घोटालों को लेकर सख्त हैं और जांच करवा रहे हैं।

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बता दें कि लाखों रुपये के स्टाम्प चोरी के मामले को उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि उनकी सत्तारुढ़ पार्टी के नेता राजेश ठकराल ही हैं। ठकराल ने आरोप लगाया है कि मेम के बाग की जमीन पर के खसरा नंबर 1037 की रजिस्ट्रियों में स्टाम्प ड्यूटी में लाखों रुपये का गोलमाल किया गया है। आरोप है कि रेजिडेंशियर जमीन को कृषि भूमि दिखाते हुए रजिस्ट्री करवाई गई। इस खसरा नंबर पर रिहायशी जमीन का रेट 9900 रुपये है जबकि महज 2200 रुपये वर्गगज के रेट पर कृषि भूमि दिखते हुए रजिस्ट्री करवा ली गई।

विवादित रजिस्ट्री में जमीन खरीदने वालों में विधायक की पत्नी सुनीता भयाना, सालिनी चौधरी, सुजान, सरोज, ब्रह्म कुमार नागपाल निवास हिसार के अलावा एक दिल्ली की फर्म का नाम भी शामिल हैं। एसडीएम की जांच में सामने आया है कि करीब 11.88 करोड़ रुपये कीमत की जमीन खरीदी गई जिसकी स्टाम्प ड्यूटी 72 लाख 17 हजार 100 बनती है। ऐसे में जांच में के बाद 53 लाख 16 हजार 450 स्टाम्प फीस निर्धारण करने की सिफारिश की गई है।

क्या राजनीतिक दबाव में राजस्व विभाग के अधिकारी...

मामला सीधे विधायक से जुड़ा होने के कारण मेम के बाग की जमीन की रजिस्ट्रियों में नियम तोड़ने के आरोप रजिस्ट्री ब्रांच पर लगते रहे हैं। ये बड़ा सवाल उठता है कि क्या राजस्व विभाग के अधिकारी किसी राजनीतिक दबाव में सरकारी खजाने को चपत लगाने में लगे हुए हैं। पटवारी लेकर तत्कालीन तहसीलदार सहित कई बड़े प्रशासनिक अधिकारी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। जमीन की रिपोर्ट करने वाले पटवारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

विधायक के भाई के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआइआर

मेम के बाग की जमीन के मामले में विधायक के परिवार पर शुरुआत से ही आरोप लगते रहे हैं। इस वर्ष फरवरी महीने में विधायक के भाई के खिलाफ डीटीपी की शिकायत पर मेम के बाग की जमीन पर हरियाणा अर्बन एरिया एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत अवैध कॉलोनी काटने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी।

जवाब मांगा तो पंचायत में व्यस्त मिले विधायक

इस मामले में विधायक विनोद भयाना से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया और ना ही मैसेज का कोई जवाब दिया। उनके प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि विधायक जी पंचायत में व्यस्त हैं।


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