फतेहाबाद में दम तोड़ती प्रतिभाएं, खेल स्टेडियम की हालत बदहाल, खिलाड़ी कैसे निखारें अपना हुनर
फतेहाबाद में ऐसा कोई खेल स्टेडियम नहीं जहां तमाम तरह की सुविधाएं खिलाड़ियों के लिए मौजूद हों। नत्थूवाल गांव में स्थित खेल स्टेडियम की स्थिति ये है कि यहां से खेलकूद की गतिविधियां कमोबेश आउट हो चुकी हैं। स्टेडियम का मैदान खिलाड़ियों के खेलने योग्य नहीं हैं।
संवाद सूत्र, जाखल (फतेहाबाद)। देशा में देश हरियाणा, जित दूध दही का खाना कहावत से प्रसिद्ध राज्य में कुछ स्थानों पर शासन प्रशासन की उदासीनता के नतीजन खेल प्रतिभाएं दम तोड रहीं हैं। खंड जाखल में इसकी बानगी देखी जा सकती है। जहां के समीपवर्ती गांव नत्थूवाल में आसपास गांवों के खिलाड़ियों के खेलने के लिए करीब छह एकड़ भूमि में फैला अव्यवस्थित व बदहाल खेल स्टेडियम ये स्थिति बयां करने के लिए काफी है। जहां देहात क्षेत्र के युवाओं में खेलों प्रति जुनून की कमी नहीं है, यदि कमी है तो, वो है सही माहौल व आधारभूत संरचनाओं की।
अच्छे खेल स्टेडियम की दरकार
यहां ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी व खेल प्रेमियों को एक अदद तमाम सुविधायुक्त खेल मैदान की प्रतीक्षा है। हकीकत तो ये है कि खंड में अब तक ऐसा कोई खेल मैदान या स्टेडियम ही नहीं है, जहां तमाम तरह की सुविधाएं खिलाड़ियों के लिए मौजूद हों। नत्थूवाल गांव में स्थित खेल स्टेडियम की स्थिति ये है कि यहां से खेलकूद की गतिविधियां कमोबेश आउट हो चुकी हैं। स्टेडियम का मैदान खिलाड़ियों के खेलने योग्य नहीं हैं, इसके रखरखाव पर किसी का ध्यान नहीं है। नत्थू वाल गांव में स्थित स्टेडियम मेें कई खामियां देखी जा सकती है। खेल मैदान में पानी, शौचालय, पर्याप्त रोशनी व कोच की कमी है। सुरक्षा के मद्देनजर भी ये स्टेडियम के हालात सही नहीं है। शाम ढलते ही यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लग जाता है। लिहाजा कुल मिलाकर उक्त स्टेडियम को दुरुस्त करने के लिए गंभीर प्रयास की दरकार है।
2008 में बनाया गया था खेल स्टेडियम
वर्ष 2008 में निर्मित उक्त खेल मैदान देखरेख के आभाव में आज पूरी तरह से बदहाल स्थिति में चला गया है। खेल स्टेडियम में लंबे समय से सफ़ाई नहीं हुई है। मैदान में हर समय गंदा पानी जमा रहता है। पूरा स्टेडियम जंगली घास से भरा पड़ा है, वहीं मैदान पूरी तरह से समतल भी नहीं है, जो जगह-जगह उबड़ खाबड़ है, जिससे मैदान के चारों ओर दौड़ लगाने वाले कभी भी गिरकर किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
अपने स्तर पर प्रयास में जुटे युवा
खिलाड़ी रविद्र, राजेश, विक्रमजीत, जतिन, रोहित, हरविद्र, कमल, जोगा सिंह ने कहा कि करीब 12 वर्ष पूर्व इसका उद्घाटन पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय विधायक सरदार परमवीर सिंह ने किया था, लेकिन आज भी स्टेडियम बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। लिहाजा इससे यहां प्रतिभावान खिलाड़ियों के रहने के बावजूद भी उन्हें बेहतर माहौल नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। युवाओं द्वारा अपने स्तर पर ही स्टेडियम की दशा सुधारने कर खेल के लिए जुगाड़ किया गया है। गांव के युवाओं द्वारा स्वयं ही स्टेडियम में उगी हुई घास फूंस को उखाड़ कर ट्रैक्टरों से मैदान को समतल किया जा रहा है। प्रशासन को अविलंब इस दिशा में पहल करने की दरकार है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि स्टेडियम में मिट्टी डलवाकर समतल कराया जाए।
क्या कहती है जिला खेल अधिकारी
जिला खेल अधिकारी सतविंद्र ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। आपके जरिए पता चला है, संबंधित अधिकारी से इस बारे में रिपोर्ट ली जाएगी। वास्तव में ऐसी कोई समस्या है तो जिला स्तर पर जितना संभव हुआ हर हाल में स्टेडियम को दुरुस्त कराया जाएगा। इसके अलावा यदि जिला स्तर से उपर का कार्य होगा, उस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया जाएगा।