चिकित्सक दिवस पर विशेष : कोरोना की दोनों लहर में मोर्चे पर डटे रहे डाक्टर दंपती, खुद भी हुए संक्रमित, फिर लौटे
वैसे तो सभी डाक्टरों ने ही शिद्दत से ड्यूटी की मगर इनके बीच कुछ डाक्टर ऐसे भी रहे जिनका हौसला और जज्बा दूसरों में भी हिम्मत पैदा करता रहा। बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजाें की जांच और इलाज का जिम्मा एक डाक्टर दंपती ने बखूबी संभाला।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कोरोना संकट में लोगों की जान बचाने में वैसे तो सभी डाक्टरों ने ही शिद्दत से ड्यूटी की, मगर इनके बीच कुछ डाक्टर ऐसे भी रहे, जिनका हौसला और जज्बा दूसरों में भी हिम्मत पैदा करता रहा। बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल को ही लें तो यहां पर कोरोना मरीजाें की जांच और इलाज का जिम्मा एक डाक्टर दंपती ने बखूबी संभाला। यहां के फिजीशियन डा. बिजेंद्र दलाल और उनकी पत्नी डा. शैली ने कोरोना की पहली लहर की तरह ही दूसरी में भी उसी हौसले के साथ महामारी का सामना किया। ड्यूटी को निभाते हुए दंपती कोरोना संक्रमित भी हुए। मगर ठीक हाेते ही तुरंत ड्यूटी पर लौटे। हालांकि डा. बिजेंद्र कुछ कारणों से सरकारी सेवा से इस्तीफा दे चुके हैं। सिस्टम की कुछ खामियों को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया।
ये रही जिम्मेदारी :
कोरोना ने जब दस्तक दी, यदि तब से बात करें तो डा. बिजेंद्र कोरोना मरीजों के इलाज की ड्यूटी संभालते रहे और उनकी पत्नी डा. शैली शुरू से लेकर अब तक कोरोना मरीजों के सैंपल एकत्रित करने और उन्हें जांच के लिए भिजवाने की ड्यूटी देती रही हैं। दोनों यहां पर एक साथ ड्यूटी पर रहे। ड्यूटी में व्यवधान न आए, इसके लिए बच्चों को डा. शैली ने ननिहाल में भेज दिया था। ड्यूटी निभाते हुए कोरोना की दूसरी लहर में डा. शैली कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गई। बाद में उनके पति डा. बिजेंद्र दलाल भी संक्रमित हो गए। दोनों ने होम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना से जंग जीती। बाद में ठीक होते ही दोनों ने फिर ड्यूटी संभाल ली। बाद में डा. बिजेंद्र ने कुछ कारणों के चलते सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। डा. शैली अब सिविल सर्जन कार्यालय में ड्यूटी निभा रही हैं।