महिलाओं और बच्चों में कुपोषण दूर कर सकता है सोयाबीन व मूंगफली
- सोयाबीन व मुंगफली के मूल्य संवर्धन उत्पाद विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण संपन्न फोटो संख्य
- सोयाबीन व मुंगफली के मूल्य संवर्धन उत्पाद विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण संपन्न
फोटो संख्या- 223
जागरण संवाददाता, हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय सोयाबीन व मूंगफली के मूल्य संवर्धन उत्पाद विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ। प्रशिक्षण विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा के देखरेख में किया गया। समापन पर सह-निदेशक(प्रशिक्षण)डा. अशोक गोदारा ने कहा कि भारत में महिलाओं व बच्चों में कुपोषण की समस्या ज्यादा है। अधिकतर आबादी शाकाहारी होने के कारण उनके भोजन में प्रोटीन का स्रोत अनाज व दलहन ही है। ऐसे में प्रोटीन व वसा का स्त्रोत सोयाबीन का उपयोग कम मूल्य में संतुलित आहार प्रदान करने की क्षमता रखता है।
मूंगफली से बनने वाले उत्पादों की दी जानकारी
लघु उद्योग चलाने वाले रवि जांगड़ा ने प्रशिक्षणार्थियों को अपनी यूनिट में भ्रमण करवाया और उद्योग के विभिन्न आयामों से अवगत कराया। उन्होंने प्रशिक्षाणर्थियों को सोयाबीन से दूध व पनीर को मशीनों द्वारा तैयार करना सिखाया। इसके अलावा सोया आटा, सोया चाप, सोया कटलट व कवाब, सेव व स्टीक्स, सब्जी व पुलाव, सोया सत्तू व सोयानट्स बनाने की सरल विधियों से अवगत कराया। डा. वर्षा ने प्रतिभागियों को मूंगफली की चटनी, मूंगफली गुड़ की पट्टी, मूंगफली चाट, इसके चावल व पुलाव और मूंगफली के लड्डू बनाने सिखाए। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को सोयाबीन व मूंगफली से विभिन्न उत्पादन बनाने के बारे में ऑनलाइन माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
उत्पादों की मार्केटिग का बताया तरीका
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को ऑनलाइन माध्यम से सिखाई गई विधियों से घर पर ही सोया दूध व पनीर तैयार करने का असाइनमेंट दिया गया। प्रतिभागियों ने इस ऑनलाइन असाइनमेंट के लिए घर पर ही उत्पाद तैयार किए और इन उत्पादों की वीडियो व फोटो को शेयर किया।