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जल्द ही बालसमंद, सीसवाला, किरतान सहित अन्य गांव होंगे लाल डोरा मुक्त

जागरण संवाददाता हिसार गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की दिशा में शुरू की गई स्वामित्व यो

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:54 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 07:54 AM (IST)
जल्द ही बालसमंद, सीसवाला, किरतान सहित अन्य गांव होंगे लाल डोरा मुक्त
जल्द ही बालसमंद, सीसवाला, किरतान सहित अन्य गांव होंगे लाल डोरा मुक्त

मुनीश शर्मा, लुधियाना

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कोई भी उत्पाद खरीदने के लिए बैंकों की ओर से लोन की सुविधा दी जाती है, चाहे बात कपड़ों की हो या फिर किसी बड़े उत्पाद की। हालांकि सेहत संभाल, पर्यावरण को बेहतर करने और सस्ती सवारी के रूप में इस्तेमाल होने वाले साइकिल, ई-बाइक्स और ई-रिक्शा के सेक्टर में फाइनास सुविधा को लेकर खासे प्रबंध नहीं हो पाए हैं। ऐसे में जरूरतमंद लोग इसके प्रति सजग नहीं हो पाते। देश में साइकिल, ई-बाइक्स और ई-रिक्शा का प्रचलन भी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर फाइनास को लेकर बैंको की ओर से कोई नियम नहीं बनाया गया है। इसको लेकर ऑल इंडिया साइकिल मैन्यु्फैक्चरर एसोसिएशन की ओर से केंद्र सरकार के समक्ष इस मुद्दे को रखने की तैयारी की गई है। साइकिल इंडस्ट्री सरकार से इन उत्पादों पर भी फाइनास की सुविधा देने की माग कर रहे हैं। इससे सेहत संभाल और पर्यावरण सरंक्षण को भी बल मिलेगा।

प्रदूषण कम करने में भी सहायक होगी पहल

एसोसिएशन के प्रधान एवं एवन साइकिल लिमिटेड के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा के मुताबिक साइकिल इंडस्ट्री की ग्रोथ में सरकार एक छोटा सा कदम एक बड़ी राहत प्रदान कर सकता है। अब ऑनलाइन या ऑफलाइन हर क्षेत्र में फाइनास की सुविधा का बोलबाला है। इसके बावजूद अभी तक साइकिल, ई-बाइक्स और ई-रिक्शा को इस कैटेगिरी में नहीं लिया गया है। कुछेक बैंक इसको लेकर सजग हैं, लेकिन इनके फाइनास को लेकर अभी पूर्ण गाइडलाइन तैयार नहीं हो पाई है। अब महंगी फैंसी साइकिलों का ट्रेंड है, जिसे लोग किस्तों में लेना चाहते हैं। अगर सरकार साइकिलिंग और इन उत्पादों को अग्रसर करे, तो प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इस संबंध में शीघ्र हम केंद्रीय मंत्रालय और आरबीआइ को प्रेंजेटेशन देंगे।

सरकार ला सकती है इंडस्ट्री के अच्छे दिन

यूनाइटेड साइकिल एवं पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (यूसीपीएमए) के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक साइकिल पर फाइनास को लेकर लंबे अर्से से माग की जा रही है। कुछ प्राइवेट सेक्टर की कंपनिया आगे आई, लेकिन सफल नहीं हो सकीं। ऐसे में माइक्रो लोन के लिए सरकार को गाइडलाइन बनानी होगी। इससे पंजाब के साइकिल उद्योग को पंख लगेंगे। इसमें सरकार मेक इन इंडिया साइकिलों पर फाइनास सुविधा देकर इंडस्ट्री के लिए अच्छे दिन ला सकती है।


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