हिसार से रवाना होने लगे किसान, ट्रैक्टर पर जय जवान जय किसान के लगाए नारे
जागरण संवाददाता हिसार गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड को लेकर किसान हिसार से दिल्ली के
जागरण संवाददाता, हिसार :
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड को लेकर किसान हिसार से दिल्ली के लिए रवाना होना शुरू हो गए हैं। रविवार को कई किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ। जोश से लबरेज किसान जय-जवान, जय-किसान के नारे लगाते दिखाई दिए। इसमें अखिल भारतीय किसान मजदूर समन्वयक संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार को दिल्ली में 26 जनवरी की प्रस्तावित किसान ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए रामायण टोल से ट्रैक्टरों का जत्था रवाना किया गया। समिति के संयोजक सत्यवीर पूनिया के नेतृत्व में जत्थे को रवाना किया। इस जत्थे में अकेले लाडवा गांव से सौ से अधिक ट्रेक्टरों की भागीदारी रही। किसान नेताओं ने कहा कि इस परेड में शामिल होने को लेकर किसानों में बहुत ज्यादा उत्साह है और तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान वर्ग पूरी तरह से एकजुट है।
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आज भी करेंगे दिल्ली को कूच
किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार के नेतृत्व में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। जत्थों का नेतृत्व हांसी तहसील प्रधान रोहतास ढंडेरी, बालसमंद प्रधान कृष्ण गावड़, उकलाना प्रधान भूपसिंह नया गांव, प्रेस सचिव सूबेसिंह बूरा आदि कर रहे हैं। दिल्ली जाने वालों में बेहद उत्साह था। प्रेस सचिव सूबेसिंह बूरा ने बताया कि लांधड़ी, चौधरीवास व मैय्यड़ टोल प्लाजा से रवाना हुए इन जत्थों में बड़ी संख्या में युवा किसान भी शामिल रहे। बूरा ने बताया कि 25 जनवरी को किसान नेता दयानंद ढुकिया, रघुबीर गावड़, भूपसिंह बिजारणिया, मेजर नरषोत्तम, सुभाष कौशिक के नेतृत्व में हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों पर दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक कृषि संबंधी कानूनों का खात्मा नहीं हो जाता और किसानों को समर्थन मूल्य देने की घोषणा नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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टीकरी बॉर्डर पर क्रमिक अनशन पर बैठे हिसार के बुजुर्ग
टीकरी बॉर्डर पर रविवार को जिले के गांव खरड़ अलीपुर निवासी जिले सिंह व बुजुर्ग सूबेसिंह घणघस नियाणा ने क्रमिक अनशन करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग उठाई। भारतीय किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष बबलु सहरावत के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने स्पष्ट किया कि वे केवल 24 घंटे के लिए ही नहीं, बल्कि कृषि कानूनों वापस लेने तक लगातार अनशन पर बैठ कर अपना विरोध जता सकते हैं।