इनसे मिलिए ये हैं सिरसा के पहले तीन वॉरियर्स, जिन्होंने प्लाजमा डोनेट कर दूसरी बार जीती जंग
सिरसा के तीन युवकों ने पहले कोरोना से जंग जीती अब प्लाजमा डोनेट कर प्लाजमा वॉरियर्स बने हैं। जो बरनाला अबोहर तथा टोहाना के कोरोना पीडि़तों के लिए जीवनदाता बनकर आए हैं।
डबवाली (सिरसा) [डीडी गोयल] रक्तदान में 'महान' जिला सिरसा के लोग वेंटीलेटर पर पड़े कोरोना पीडि़तों को प्लाज़मा देकर 'जीवनदाता' बनने जा रहे हैं। इन लोगों ने कोरोना को हराया है। अब अन्य पीडि़तों की मदद करके महामारी को दूसरी बार हराने जा रहे हैं। डबवाली शहर निवासी फोटोग्राफर संजय मिढ़ा, स्टील कारोबारी संजीव गर्ग तथा गांव अहमदपुर दारेवाला निवासी कैटर्स चरणजीत सिंह हैप्पी ने पंजाब के बठिंडा के गुरु नानक देव चेरिटेबल ब्लड बैंक में बुधवार देर रात को इमरजेंसी में प्लाजमा डोनेट किया।
अब ये प्लाजमा बठिंडा के दिल्ली हार्ट अस्पताल में एडमिट अबोहर निवासी हरफूल सिंह, इंदिरानी अस्पताल में एडमिट टोहाना निवासी प्रेम कुमार, निर्बाण अस्पताल में एडमिट बरनाला निवासी भरपूर सिंह की जिंदगी बचाने के काम आएगा। प्लाजमा वॉरियर्स के मुताबिक उन्होंने कोरोना पीडि़त होने के बाद जागरुकता से कोरोना को हराया। दूसरी बार प्लाजमा डोनेट कर महामारी से जंग जिताने में सहायक हुए हैं।
कोरोना होने के बाद पहली बार डोनेट किया प्लाजमा
सिरसा जिला में किसी व्यक्ति ने कोरोना को हराने के बाद पहली बार प्लाजमा डोनेट किया है। प्लाजमा वॉरियर्स ने कहा कि यह डबवाली की सामाजिक संस्था अपने की जागरुकता की बदौलत संभव हो पाया है। अपने के ब्लड यूनिट प्रभारी हरीश सेठी तथा सहप्रभारी आशु सिंगला ने उन्हें मॉटीवेट किया। जिसके कारण वे कोरोना पीडि़तों के लिए प्लाजमा डोनेट कर पाए। उन्हें किसी तरह की घबराहट या फिर कमजोरी महसूस नहीं हो रही है। हरीश सेठी के मुताबिक तरल पदार्थ अधिक मात्रा में ग्रहण करने से 24 घंटों में प्लाजमा पूरा हो जाते हैं। प्रत्येक 15 दिन बाद प्लाजमा डोनेट किए जा सकते हैं।
प्लाजमा अलग करने का प्रबंध किया जा रहा
सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमितों का प्लाज्मा थैरेपी के तहत उपचार करने पर काम हो रहा है। इसके लिए प्लाज्मा अलग करने के प्रबंध किए जा रहे हैं। जिले में कोरोना को मात देने वाले रोगियों की सूची बनाकर उनसे संपर्क साधा जाएगा और उसके बाद उनका प्लाज्मा लेकर संक्रमित को चढ़ाया जाएगा। जैसे रक्त चढ़ाया जाता है उसी तरह प्लाज्मा चढ़ाया जाता है। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए जागरूक किया जा रहा है।
30 दिन में कर सकता है प्लाज्मा डोनेट
सीएमओ के अनुसार कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठीक होने के 30 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। प्लाज्मा थैरेपी के द्वारा संक्रमण के बाद ठीक हो चुके व्यक्ति से प्लाज्मा लेकर उसे संक्रमित मरीज को चढ़ाया जाता है। इस थैरेपी में मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे लगती है साथ ही शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के फेल होने का खतरा नही रहता। कोरोना संक्रमण में यह थैरेपी कारगर साबित हो रही है, और इसे अपनाकर मृत्युदर को घटाया जा सकता है।