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जिसको सब चाहें, वही शिव है : स्वामी परमात्मानन्द

शिव शब्द पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि व्याकरण शास्त्र के अनुसार वश कान्ती धातु से शिव शब्द की उत्पत्ति हुई जिसका अर्थ है जिसको सब चाहें वही शिव है। जीवन में सब आनंद की इछा करते हैं। आनंद ही शिव का स्वरूप है इसलिए शिव का एक नाम आनंद भी है। शिव यानी जो सबको प्यारा हो।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 08:11 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 08:11 AM (IST)
जिसको सब चाहें, वही शिव है : स्वामी परमात्मानन्द
जिसको सब चाहें, वही शिव है : स्वामी परमात्मानन्द

जागरण संवाददाता, हिसार : गांव सदलदपुर ढाणी बड़ी छिपा वाली में भगवान शिव का रुद्राभिषेक, सत्संग और वृक्षारोपण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परमात्म धाम हिसार से आए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मा नंद सरस्वती महाराज ने की।

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शिव शब्द पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि व्याकरण शास्त्र के अनुसार वश कान्ती धातु से शिव शब्द की उत्पत्ति हुई, जिसका अर्थ है, जिसको सब चाहें, वही शिव है। जीवन में सब आनंद की इच्छा करते हैं। आनंद ही शिव का स्वरूप है, इसलिए शिव का एक नाम आनंद भी है। शिव यानी जो सबको प्यारा हो।

इस अवसर पर हनुमान छिपा पूर्व प्रधान, ठाकर राम, सोहन लाल, बुधराम, गोपीराम, बृजलाल, मोहन लाल, रामकुमार, साधुराम, लालच्रक बनवारी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


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