शेफाली का डेढ़ महीने पहले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में हुआ चयन, तोड़ दिया सचिन का रिकॉर्ड
सबसे कम उम्र में सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाली हरियाणा के रोहतक की शेफाली शुरू से ही सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानती हैं। गली क्रिकेट से शुरू कर आज शेफाली इस मुकाम पर पहुंच चुकी है।
रोहतक [रतन चंदेल]। शेफाली वर्मा ने अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट में जब अपने आदर्श खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का रिकार्ड तोड़ा तो खुशी से उसके माता-पिता के आंसू छलक आए। छलकते भी क्यों न? उनका सपना था बेटी देश के लिए खेले और बेटी देश के लिए तो खेल ही रही है, उसने अपने आदर्श और क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन का रिकार्ड भी तोड़ चुकी है।
सबसे कम उम्र में सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाली शेफाली के पिता संजीव वर्मा और मां प्रवीन ने बताया कि शेफाली शुरू से ही सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानती हैं। संजीव ने बताया कि सचिन का रिकार्ड तोडऩे की सूचना उनको फोन पर मिली। उसके बाद उन्होंने बेटी की फोटो वाला एलबम देखा और यादों को ताजा किया।
शेफाली की मां प्रवीन ने जानकारी दी कि रोहतक के लाहली स्थित चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम में अपना अंतिम रणजी मैच रहे सचिन को शेफाली ने बल्लेबाजी करते देखा था। उसके बाद ही उसने सचिन के खेल से प्रेरणा लेकर क्रिकेट खेलना शुरू किया था। तभी से वह सचिन को आदर्श मानकर क्रिकेट में आगे बढ़ती जा रही हैं।
शुरुआत में गली क्रिकेट
दिलचस्प है कि पांच साल पहले शेफाली के पिता जब गली में क्रिकेट खेलते थे तो उनको देख शेफाली भी पहुंच जाती थी। पिता भी बेटी की भावनाओं को देख उसे साथ में खेलने का मौका देने लगे। कुछ महीनों के अभ्यास के बाद बेटी उनसे अच्छा खेलने लगी। शेफाली की उम्र उस समय करीब 10 साल थी और वह पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी। तीन साल पहले शेफाली ने रोहतक की रामनारायण क्रिकेट अकादमी में अभ्यास शुरु किया। वहां कोच अमन कुमार ने उसके खेल को निखारा। उसके बाद वह प्रतियोगिताओं में छाने लगी। विकेट कीपर बल्लेबाज शेफाली ब्वाय कट हेयर स्टाइल रखती हैं।
महज डेढ़ माह में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छा गई रोहतक की शेफाली
रोहतक की शेफाली वर्मा महज डेढ़ माह में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छा गई है। उन्होंने 24 सितंबर को सूरत में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट मैच खेला था। हालांकि शेफाली पहले मैच में चार गेंदों में खाता नहीं खोल पाई थीं। लेकिन अगले मैचों में उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा था। अब वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी-20 मैच में शेफाली ने इतिहास रच दिया है। इस मैच में शेफाली को मैन आफ द मैच के खिताब से भी नवाजा गया है। महज 15 साल की उम्र में ही शेफाली ने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक जड़कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
पिता संजीव का भी पसंदीदा खेल है क्रिकेट
शेफाली ही नहीं उनके पिता संजीव वर्मा का भी पसंदीदा खेल क्रिकेट ही है। वे स्कूली स्तर पर खूब क्रिकेट खेलते थे। लेकिन आगे बढऩे के अवसरों का अभाव रहा। अब उनके तीनों बच्चे भी क्रिकेट खेलते हैं। शेफाली के अलावा बड़े बेटे साहिल वर्मा और सबसे छोटी बेटी नैंसी भी क्रिकेट खेलते हैं। संजीव के मुताबिक, 2017-2018 में महज 14 साल की उम्र में ही अंडर-16, अंडर-19, अंडर-23 में खेल चुकी हैं। जबकि 2018-2019 में अंडर-19 और अंडर-23 सीनियर में खेलीं। अंडर-19 सीनियर में खेलते हुए तीन बार 100-100 रन बनाए। अंडर-23 में भी यही कारनामा किया। बीते साल नागालैंड के खिलाफ धुंआधार बल्लेबाजी की। इन्होंने इस मैच में 56 गेंदों पर 128 रन बनाए। इसी साल मिताली राज की आइपीएल टीम में खेलीं। एक मैच में ही 31 बॉल पर 35 रन बनाए। शेफाली रोहतक के सेंटपॉल से 10वीं की पढ़ाई कर रहीं हैं।
फोन करके कहा, पापा खेल का सौ फीसद प्रदर्शन करूंगी
वेस्टइंडीज में खेले टी-20 मैच में रिकार्ड बनाने वाली शेफाली ने रविवार देर शाम को अपने पिता संजीव वर्मा से फोन पर बातचीत की। पिता के अनुसार फोन पर शेफाली काफी खुशी थी। पिता ने उनको देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। जिस पर शेफाली ने कहा कि देश के लिए अपने खेल का सौ फीसद प्रदर्शन करूंगी। बेटी की यह बातें सुनकर पिता का सीना भी गर्व से चौड़ा हो गया और उन्होंने बेटी को बधाई देते हुए अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई।