हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने संवेदनशील स्वभाव के कारण रखते हैं नायक जैसी छवि
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बोले सामान्य जन में तो शासकीय चिकित्सा संस्थानों के प्रति विश्वास बढ़ेगा ही शासकीय सेवा में कार्यरत चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों का उत्साह भी बढ़ेगा। सच्चा नायक वही होता है जो अपने सैनिकों पर भरोसा रखे और उन्हें प्रेरित करे। विज ऐसे ही हैं।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपनी स्पष्टवादिता और संवेदनशील विवेकधर्मी स्वभाव के कारण नायक जैसी छवि रखते हैं। उनके जैसे नेता अब देश में गिने चुने हैं। जब कोरोना की वैक्सीन के परीक्षण की तैयारी हो रही थी तो तीसरे चरण में सबसे पहले वैक्सीन के परीक्षण के लिए उन्होंने स्वयं को प्रस्तुत किया, जससे लोगों में वैक्सीन के दुष्प्रभाव से ग्रस्त होने का भय समाप्त हो सके और बड़ी संख्या में स्वयंसेवक के रूप में लोग परीक्षण के लिए सामने लाएं। ऐसा करके वह देश के पहले मंत्री बन गए थे।
देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी कहा है कि वैक्सीन आने पर वह पहली डोज स्वयं लेंगे, जिससे लोगों में वैक्सीन के प्रति किसी तरह का भय न रहे, लेकिन विज ने वैक्सीन के परीक्षण में ही सम्मलित होकर ऐसा कर दिखाया जैसा दुनिया के किसी नेता ने अब तक नहीं किया है। वैक्सीन के पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाती है और उसके 14 दिन बाद शरीर में एंटीबॉडी बनती है, इसलिए विज चाहते तो 42 दिन एकांतवास कर सकते थे। उसके बाद काम में जुटते, लेकिन उन्होंने एक दिन भी अवकाश नहीं लिया और इस कारण संक्रमित हो गए। वह अन्य नेताओं की तरह गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भी नहीं गए।
वह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हैं और शासकीय-अशासकीय सारे अस्पताल उन्हीं के विभाग के अधीन हैं, जिनमें मेदांता मेडिसिटी भी है, लेकिन विज ने कहा कि जब प्रदेश का सामान्य जन प्रदेश के शासकीय चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा कराता है तो वह भी सामान्य जन से अलग नहीं हैं और आयुर्विज्ञान संस्थान, रोहतक में ही अपनी चिकित्सा कराएंगे। यह नायकोचित व्यवहार का श्रेष्ठ उदाहरण है।