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हिसार नागरिक अस्पताल में अभी तक नहीं बना दूसरा ऑक्सीजन प्लांट, पहले प्लांट की सीमित है क्षमता

कोरोना की दूसरी लहर में जिला अस्पताल में दूसरा ऑक्सीजन प्लांट लगाने को लेकर आदेश जारी किए गए थे। प्लांट खुले आसमान में से ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा और ऑक्सीजन प्लांट एक हजार लीटर की क्षमता का बनेगा। दिन में प्लांट से 100 ऑक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन किया जा सकेगा।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 12:35 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 12:35 PM (IST)
हिसार नागरिक अस्पताल में अभी तक नहीं बना दूसरा ऑक्सीजन प्लांट, पहले प्लांट की सीमित है क्षमता
हिसार सि‍विल अस्‍पताल में अभी दूसरे ऑक्‍सीजन प्‍लांट बनने का प्रोजेक्‍ट अधूरा ही है

जागरण संवाददाता, हिसार। जिला नागरिक अस्पताल में दूसरा ऑक्सीजन प्लांट अभी तक नहीं बना है। अगर भविष्‍य में कोरोना के केस बढ़ते हैं तो दिक्‍कत हो सकती है। खास बात यह है कि पहले वाले ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता सीमित है। इसके लिए मलेरिया विभाग में जगह भी चिन्हित कर ली गई है। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्लांट बनाने को लेकर कोई तैयारी नहीं है।

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कोरोना की दूसरी लहर में जिला अस्पताल में दूसरा ऑक्सीजन प्लांट लगाने को लेकर आदेश जारी किए गए थे। विभाग के अनुसार यह प्लांट खुले आसमान में से ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा और ऑक्सीजन प्लांट एक हजार लीटर की क्षमता का बनेगा। एक दिन में प्लांट से 100 ऑक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन किया जा सकेगा। एक समय था कि दूसरी लहर के दाैरान अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत 150 सिलिंडर तक पहुंच चुकी थी।

जबकि मौजूदा ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 25 से 28 सिलिंडर है। सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की खपत वेंटिलेटर पर होती है। एक वेंटिलेटर प्रति मिनट में 10 से 15 लीटर के आसपास ऑक्सीजन की खपत करता है। अस्पताल में करीबन 18 वेंटिलेटर मौजूद है और 70 बेड की क्षमता का आइसोलेशन वार्ड है।

अस्पताल बनेगा आत्मनिर्भर

इस एक हजार लीटर की क्षमता वाले प्लांट के बनने से जिला अस्पताल आत्मनिर्भर बनेगा। इसके बाद अस्पताल को बाहर से ऑक्सीजन खरीदनी नहीं पड़ेगी। अगर जरूरत पड़ी तो सीएचसी-पीएचसी पर भी ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकेगी।

समय व धन दोनाें की होगी बचत

इस प्लांट के शुरू होने से स्वास्थ्य विभाग की समय व धन दोनों की बचत होगी। न ही अधिक कर्मियों की जरूरत पड़ेगी। वरना सिलिंडर भरवाने के लिए चार से पांच कर्मी व गाड़ी की आवश्यकता होती है। यहीं नहीं गाड़ी के दो से तीन चक्कर लगते है और हर बार तीन से चार घंटे का समय लगता है। फिर ऐसा नहीं होगा, क्योंकि एक कर्मी ही आसानी से प्लांट से सीधा पाइप लाइन के जरिये ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकेगा। न ही बार-बार सिलिंडर बदलने की आवश्यकता होगी।

अभी कुछ कह नहीं सकते

हिसार नागरिक अस्‍पताल सीएमओ डा. रत्‍ना भारती ने कहा कि दूसरा आक्सीजन प्‍लांट भी जल्‍द बनेगा। इस मामले में बातचीत चल रही है। मगर अभी पूरी तरह से प्‍लानिंग नहीं बनी है। इसलिए कब तक यह पूरा होगा इसे लेकर अभी दावे से कुछ नहीं सकते हैं।


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