महामारी में दुग्ध उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभावों के लिए रास्ता खोजेंगे वैज्ञानिक
जागरण संवाददाता हिसार विश्व दुग्ध दिवस संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा स्थापित एक
जागरण संवाददाता, हिसार: विश्व दुग्ध दिवस संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय दिवस, जो दूध को वैश्विक भोजन के रूप में पहचानता है। 2001 के बाद हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के दुग्ध विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय में 1 जून को 20वें वैश्विक दुग्ध दिवस के रूप में मनाया गया। कुलपति डा. गुरदियाल सिंह ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों, वैज्ञानिकों व छात्रों को वैश्विक महामारी के इस दौर में दुग्ध उत्पादन एवं व्यवसाय पर आने वाले कुप्रभाव से लड़ने के लिए नए तरीके खोजने को कहा है। इस काम में विवि उनकी भरसक मदद करेगा।
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कड़ाई से लागू हों खाद्य सुरक्षा नियम
दुग्ध विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. दिवाकर प्रकाश शर्मा ने भी खाद्य सुरक्षा नियमों के कड़ाई से पालन पर विशेष बल दिया। समय के आवश्यकतानुसार समस्त कार्यक्रम में कोविड-19 के दुग्ध उत्पादन एवं व्यवसाय पर कुप्रभाव एवं उस से जूझने के तरीकों पर विशेष ध्यान दिया गया। इस उपलक्ष में कोविड-19 के समय में खाद्य सुरक्षा विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
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विभिन्न ई कंपीटिशन के विजेता
पोस्टर प्रतियोगिता
विषय- कोविड-19 काल में दुग्ध उत्पादकों द्वारा खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना
संचालन- डा. वंदना चौधरी, डा तेजिदर पाल एवं डा संदीप दुहन द्वारा किया गया।
पहला स्थान- रोहित (द्वितीय वर्ष)
दूसरा स्थान- श्वेता (द्वितीय वर्ष)
तीसरा स्थान- हरीशा (तृतीय वर्ष), देवेंद्र राव
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ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता
विषय- कोविड-19 में दुग्ध उद्योग के संमुख अवसर एवं चुनौतियां
संचालन- डा. रचना एवं डा. सतीश जांगड़ा द्वारा किया गया।
प्रथम स्थान- नेहा (द्वितीय वर्ष)
दूसरा स्थान- गुरप्रीत (द्वितीय वर्ष)
तीसरा स्थान- सोमवीर (अंतिम वर्ष)