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हरियाणा में खुले स्‍कूल, बदलते मौसम में बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी, ये करें उपाय

अभिभावक बच्चों के खान-पान में परिवर्तन करके बदलते मौसम में उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने की जरूरत है। डा. मोनिका बांगा ने बताया कि बच्चों के खानपान में प्रोपटी कार्बोहाइडेट को विशेष रूप से शामिल करना चाहिए। इसके लिए सुबह उठने से लेकर रात तक ध्‍यान जरूरी है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 12:03 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 12:03 PM (IST)
हरियाणा में खुले स्‍कूल, बदलते मौसम में बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी, ये करें उपाय
स्‍कूल खुल चुके हैं बच्‍चे स्‍वस्‍थ्‍य रहें इसके लिए उनकी सेहत का ध्‍यान रखना जरूरी है

हिसार, जेएनएन। कोरोना काल से बंद पड़े स्कूल अब दोबारा खुलने लगे हैं। करीब एक साल तक घरों में रहने के बाद अब दोबारा बच्चे स्कूल जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर अभिभावकों के मन में भय है तो वहीं बच्चों के भविष्य की चिंता। ऐसे में अभिभावक बच्चों के खान-पान में परिवर्तन करके बदलते मौसम में उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि बच्चे स्वस्थ्य रहें। हिसार के सिविल अस्पताल में कार्यरत डाइटिशियन डा. मोनिका बांगा ने बताया कि बच्चों के खानपान में प्रोपटी, कार्बोहाइडेट को विशेष रूप से शामिल करना चाहिए। इसके लिए सुबह उठने से लेकर रात को बच्चे के सो जाने से पहले तक उनका ध्यान रखना जरूरी है।

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सीजनल फ्रूट में बच्चों को चुकंदर देना बहुत जरूरी है। इससे बच्चों में खून बढ़ता है और कमजोरी दूर होती है। इसके अलावा काले चने का सैंडविच, बीज वाली सब्जियां, ब्राउंन राइस, ब्राउन ब्रेड शामिल कर सकते हैं। इससे बच्चों का पेट भरा रहता है और उनको बार-बार भूख नहीं लगती। वहीं लंच बॉक्स में मूंगदाल का ढोकला, पनीर परांठा, मेथी और पालक परांठा को रोल करने उनमें मूंगदाल और चने का स्पाउट भरकर रोल कर सकते हैं।

आज से खुल गए हैं कक्षा एक से तीन के स्कूल
वहीं हरियाणा सरकार के आदेश पर 11 महीने बाद सोमवार को कक्षा एक से तीसरी तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। अब स्कूलों में तीसरी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इसको लेकर स्कूलों में विशेष तैयारियां दिखाई दी। शिक्षकों ने खुद कक्षा कक्षों की सफाई कराई। इसके साथ ही सीटिंग प्लान भी बनाया गया। ताकि एक-एक विद्यार्थी अलग बैठ सके। वहीं कई स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए संकेतक भी लगाए गए हैं। ताकि विद्यार्थी समय-समय पर सेनिटाइजर व मास्क का सख्ती से प्रयोग करें। वहीं शिक्षकों को भी निर्देशित किया गया है कि वह बच्चों को बिना मास्क के देखें तो टोकें जरूर। इसके साथ ही पहली बार भौतिक कक्षाएं छोटे विद्यार्थियों की शुरू हो रही हैं, जिससे शिक्षकों व अभिभावकों ने भी राहत की सांस ली है। वहीं दूसरी तरफ सीबीएसई के कई स्कूलों में आज से प्रैक्टीकल का क्रम शुरू होगा। इस बार कोरोना काे देखते हुए प्रक्रिया को कुछ सरल बनाया गया है।


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