सविता पूनिया बोली - ओलिंपिक में पदक न जीतने का रहेगा मलाल, मगर एशियन गेम्स पर रहेगा फोकस
सविता पूनिया ने कहा कि भारतीय महिला हाकी टीम ओलिंपिक में पदक न ले पाने का मलाल रहेगा। लेकिन टीम के जानदार प्रदर्शन ने दुनिया भर की टीमों को पछाड़ते हुए जो चौथा स्थान हासिल किया वह महिला हाकी को नई बुलंदियों पर ले जाने में संजीवनी का काम करेगा।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : टोक्यो ओलिंपिक में गर्व से सीना चौड़ा करने का मौका देने वाले खिलाड़ियों में सबसे प्रमुख रही महिला हाकी टीम की गोलकीपर सविता पूनिया सिरसा से दिल्ली जाते हुए सामाजिक संस्था जिंदगी के आग्रह पर स्थानीय लजीज होटल पहुंची। यहां पहुंचने पर संस्था अध्यक्ष हरदीप सिंह के नेतृत्व में संस्था कोर कमेटी प्रमुख एडवोकेट प्रशांत शर्मा, सरदार राणा जोहल, मुकेश बंसल, रणबीर सिंह भाटी, बलजीत सिंह हांडा, भरत रावत, गुलशन रहेजा, पंजाब सिंह, सिमरनजीत सिंह गिल, विकास गावड़ी, विनोद शर्मा, संजय चावला, अनिल कंबोज, सतेन्द्र श्योराण, राजकुमार, सन्नी खुराना, प्रवीर सोनी, अजय रत्ति ने बुके भेंट कर स्वागत किया।
एमएम कालेज की एनसीसी स्वंय सेविकाओं में मनप्रीत कौर, पायल, मोनिका, रेणुका, रविना, शर्मिला, सपना, लक्ष्मी रानी आदि ने सविता पूनिया का तिलक लगाते हुए पुष्प वर्षा करके अभिनंदन किया। सविता पूनिया के क्षण भर के लिए फतेहाबाद आने की खुशी बेटियों के चेहरे पर साफ झलक रही थी और युवाओं ने भारत माता के जयकारों और सविता पूनिया जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए होनहार बेटी के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की।
इस दौरान मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए सविता पूनिया ने कहा कि भारतीय महिला हाकी टीम ओलिंपिक में पदक न ले पाने का मलाल रहेगा। लेकिन टीम के जानदार प्रदर्शन ने दुनिया भर की टीमों को पछाड़ते हुए जो चौथा स्थान हासिल किया, वह महिला हाकी को नई बुलंदियों पर ले जाने में संजीवनी का काम करेगा। ओलिंपिक से वापस आने उपरांत दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर अपने-अपने पैतृक शहर-गांवों तक बेटियों को लोगों ने जो सम्मान दिया है, वह दर्शाता है कि अब महिला हाकी का सुनहरी दौर शुरू हो चुका है।
सविता पूनिया का अभिनंदन करते हुए जिंदगी संस्था अध्यक्ष हरदीप सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए सबसे ज्यादा गर्व का विषय है कि हमारे क्षेत्र की बेटी सविता ने ओलिंपिक में ऑस्ट्रेलिया जैसी श्रेष्ठ टीम के प्रहारों का दिलेरी के साथ सामना करते हुए 9 गोल रोककर भारतीय टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने वाली ऐतिहासिक जीत दिलवाई। हमारे क्षेत्र की बेटी सविता ने जिस बहादुरी से दुनिया भर की टीमों के सामने अपना दमदार प्रदर्शन किया, अब हमारा भी फर्ज बनता है हम इस बेटी का हौसला बढ़ाने में कोई कसर न छोड़ें।