इरफान खान के साथ हिसार के सतीश कश्यप कर चुके फिल्म, बोले- उनको गुरु मानता था
रंगकर्मी सतीश कश्यप ने 2007 में इरफान खान के साथ की थी राइट-रांग फिल्म। रंगकर्मी मनीष जोशी बोले-सहज रहते थे इरफान रोल करते हुए लेते थे आनंद
हिसार, जेएनएन। गुरु मानता था उनको। कहानी सुनना पसंद था। कहते थे मुंबई में अच्छी स्क्रीप्ट नहीं मिलती है। कहानी लिखा करो। यह शब्द है उस इंसान बॉलीवुड एक्टर इरफान खान के जो सभी रंगकर्मियों को छोड़ कर चले गए। उनके साथ काम करने और मिलने वाले हिसार के रंगकर्मी काफी दुखी है। हिसार के रंगकर्मी सतीश कश्यप उनको गुरु मानते थे। 2007 में सतीश ने राइट-रांग फिल्म भी की। वह भी दो किरदार में। एक असिस्टेंट डायरेक्टर तो दूसरा एक रोल में कलाकार।
सतीश बताते हैं कि इरफान उनके गुरु स्व. राजीव मनचंदा के बहुत अच्छे दोस्त थे। इस लिए वह उनके भी गुरु भाई थे। पहली बार जब मिला तो उसके बाद वह उसको खुद फोन कर बुला लेते थे। पहली बार मिले तो पूछा क्या करते हो। बताया स्वांग तो बोले यह करते रहना। कहानियां लिखा करो। फिर वो कहानी सुनाते। सतीश ने बताया कि इरफान को सिनेमा से प्यार था। वह अपनी एक्टिंग में जीते थे। उनके लिए बोल इंडिया बोल की कहानी भी लिखी। यह एक लघु फिल्म थी।
सहज रहते थे इरफान, कायल थे सभी
रंगकर्मी मनीष जोशी की मुलाकात इरफान खान से जयपुर में जयरंगम फेस्टिवल के दौरान हुई। वह उस फेस्टिवल के ब्रैंड एंबेसडर थे। उनसे काफी बातचीत हुई। जोशी ने बताया कि इरफान खान बहुत ही सहज कलाकार थे। वह अपने रोल को जीते थे। कलाकार उनके सहजता के कायल थे। जयपुर के अलावा उनसे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में भी मुलाकात हुई थी। मिलते थे तो एङ्क्षक्टग की बात करते। जोशी ने बताया कि उनके साथ जो पल बिताए वह हमेशा याद रहेंगे। एक अच्छा कलाकार उन्होंने आज खो दिया है।
मनीष जोशी इरफान खान के साथ (फाइल फोटो)
हिसार में आने का दिया था न्यौता
व्यापारी मनोज बंसल की इरफान खान से मुलाकात जयपुर के फेस्टिवल में हुई थी। वह फेस्टिवल देखने गए थे। हिसार में कलाकारों के बीच रहने के कारण उन्होंने जल्द हिसार में एक फेस्टिवल करवाने और इरफान खान से हिसार आने की गुजारिश की थी। इस पर इरफान ने आने की बात को स्वीकारा भी था। मनोज ने बताया कि उस समय उनकी ज्यादा बातचीत नहीं हुई।