सतबीर की भैंस ने दिया सबसे ज्यादा दूध, बनाया रिकॉर्ड
नारनौंद के गांव में पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा खेड़ी जालब में 28 से 30 सितंबर के बीच दूध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में सतवीर श्योराण की भैंस ने 19.350 किलो ग्राम दूध देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
नारनौंद/हिसार, जेएनएन। हरियाणा दूध दही के खाने के लिए जाना जाता है और यहां पर पशुओं को पालने का भी शौक बहुत से लोग रखते हैं। मगर बहुत से पशुपालक पशुओं का विशेष ध्यान रखते हैं और उनका ध्यान बच्चे की तरह रखते हैं। हरियाणा में मुर्राह नस्ल के झोटों की कीमत और खूबसूरती से तो सब वाकिफ हैं। मगर यहां की भैंसे भी कम नहीं है।
यही कारण है कि विभिन्न जगहों पर भैंसो की सुंदरता और दूध देने की क्षमता को लेकर प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। ऐसी ही एक और प्रतियोगिता भी हुई। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा खेड़ी जालब में 28 से 30 सितंबर के बीच दूध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में सतवीर श्योराण की भैंस ने 19.350 किलो ग्राम दूध देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
भैंस के मालिक सतबीर ने बताया कि जिस तरह से जिम करने वाले पहलवान अपनी डाइट का ध्यान रखते हैं हम भी भैंस के चारे को लेकर इस तरह की सभी बातों का ख्याल रखते हैं। इससे पहले भी हम दूध प्रतियोगिता में इनाम हासिल कर चुके हैं। विजेता भैंस की कीमत भी बेहद ज्यादा मिल रही है मगर हम इसे बेच नहीं रहे हैं। पशुओं को दूध के लिए तैयार करना पड़ता है।
दूध के बिना शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता इसलिए जरूरी है कि हरियाणा में पशुपालन को और बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने बताया कि नारनौंद हलके में पशुओं को लेकर बहुत से प्रतियोगिताएं होती हैं। इससे पशुपालक प्राेत्साहित होते हैं। भैंस पालन करके कोई भी व्यक्ति अपनी आजीविका आसानी से चला सकता है।
विभाग के अधिकारी डा. राजपाल मलिक ने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि पशुपालक अच्छी नस्ल के पशु पालकर अपनी आमदनी को और बढ़ा सकते हैं। इस अवसर पर डा. विनय कुमार, डा. कुलदीप, डा. अमित बुरा, महावीर श्योराण, सेवा ¨सह, सोमबीर, बसाऊ राम इत्यादि विशेष तौर पर मौजूद थे।