अजब-गजब : क्रेन का एक जैसा काम फिर भी ट्रैफिक पुलिस से महंगा हिसार नगर निगम का चालान
अगर कोई नो पार्किंग व सड़क के किनारे वाहन खड़ा करके चला जाता है तो क्रेन गाड़ी उठा ले जाती है। चालान के रेट अलग है। अगर ट्रैफिक पुलिस की क्रेन गाड़ी उठाएगी तो 500 रुपये अगर नगर निगम की क्रेन उठाएगी तो 790 रुपये का चालान होगा।
हिसार [चेतन सिंह] शहर में दिल्ली रोड पर सुबह से लेकर रात तक जाम जैसी स्थिति रहती है। इस जाम से निपटने को नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस ने कई कदम उठाए मगर उनका धरातल पर कोई नतीजा देखने को नहीं मिलता। नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की एक-एक क्रेन सड़क पर तैनात रहती है। अगर कोई नो पार्किंग व सड़क के किनारे वाहन खड़ा करके चला जाता है तो क्रेन गाड़ी उठा ले जाती है। मगर नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस दोनों के चालान के रेट अलग है। अगर ट्रैफिक पुलिस की क्रेन गाड़ी उठाएगी तो 500 रुपये का चालान कटेगा अगर नगर निगम की क्रेन उठाएगी तो 790 रुपये का चालान होगा।
वहीं नगर निगम ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा वाहन उठाने में मुस्तैद है। नगर निगम ने जनवरी माह में 34 वाहन उठाए तो ट्रैफिक पुलिस ने महज 20 वाहन उठाए। मगर सवाल यह है कि जब दोनों महकमें एक जैसा काम रहे हैं तो लोगों से अतिरिक्त पैसा क्यूं लिया जा रहा है। इस बारे में हिसार के ट्रैफिक इंस्पेक्टर शमशेर सिंह का कहना है कि नगर निगम ने प्राइवेट क्रेन हायर करके ट्रैफिक पुलिस को दी है। चालान एक जैसा है मगर उसमें से 190 रुपये क्रेन संचालक को और 100 रुपये नगर निगम को देने पड़ते हैं। यह पैसे आम लोगों से ही लिए जाते हैं।
ऐसे समझे गणित
- ट्रैफिक पुलिस जब सरकारी क्रेन से वाहन उठाती है तो 500 रुपये का चालान काटकर जुर्माना वसूलती है।
- नगर निगम द्वारा ट्रैफिक पुलिस को दी गई क्रेन वाहन उठाती है तो 790 रुपये का जुर्माना वसूलती है। इसमें 190 रुपये प्रत्येक वाहन चार्ज लेती है और साथ ही 100 रुपये नगर निगम चालान के लेती है।
वहीं नो पार्किंग जोन में खड़े हो रहे वाहन
वहीं प्रशासन की ओर से अवैध रूप से पार्किंग में खड़ी गाड़ियों और सड़क पर पार्किंग करने वाले वाहन चालकों पर सख्ती की गई मगर यह सख्ती नाकाफी है। नगर निगम ने शहर में कई स्थानों पर नो पार्किंग के बोर्ड लगाए थे जहां वाहन खड़ा करना सख्त मना है बावजूद ऐसे स्थानों पर वाहन खड़े होते हैं और ट्रैफिक पुलिस तमाशबीन खड़ी रहती है। नगर निगम की ओर से बस स्टैंड से लेकर जिंदल चौक तक नो पार्किंग जोन के बोर्ड लगाए हैं मगर इनको कोई फोलो नहीं कर रहा। ना पुलिस कोई कार्रवाई करती है और ना ही नगर निगम। बल्कि नगर निगम के बोर्ड तक दुकानदारों ने अतिक्रमरण कर लिया है।