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हरियाणा में 10 साल पुराने बीजाें की बिक्री की कम, किसानों में नई किस्मों की बढ़ी डिमांड

अनाज मंडी स्थित हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्र पर गेहूं की एचडी 2967 और एचडी 3086 किस्मों की बिक्री हो रही है। 1105 किस्म की भी एक-दो दिन में सप्लाई होगी। गेहूं की बिजाई नवंबर की शुरूआत से होनी है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 05:01 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 05:01 PM (IST)
हरियाणा में 10 साल पुराने बीजाें की बिक्री की कम, किसानों में नई किस्मों की बढ़ी डिमांड
गेहूूं के बीज की एक किस्म की अवधि को दो साल के लिए बढ़ाया गया

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। सरकारी एजेंसियों ने पुराने बीजों की बिक्री को कम कर दिया है। रबी सीजन को लेकर डीएपी खाद की भले ही कमी हो, लेकिन गेहूं के बीज की सप्लाई सरकारी और प्राइवेट बिक्री केंद्रों पर पर्याप्त है। किसानों में बीज की नई किस्मों की डिमांड है, ऐसे में हरियाणा बीज विकास निगम की तरफ से भी नई किस्मों की बिक्री को प्राथमिकता दी जा रही है। 10 साल पुराने बीज की बिक्री लगभग बंद की जा रही है। फिलहाल तो गेहूं की एक किस्म के बीज की बिक्री को ही 10 साल के बाद दो और साल के लिए बढ़ाया गया है।

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यह दी जा रही है सब्सिडी

अनाज मंडी स्थित हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्र पर गेहूं की एचडी 2967 और एचडी 3086 किस्मों की बिक्री हो रही है। 1105 किस्म की भी एक-दो दिन में सप्लाई होगी। गेहूं की बिजाई नवंबर की शुरूआत से होनी है। यहां पर किसानों को प्रति बैग 400 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में प्रति बैग एक हजार रुपये कीमत तय की गई है। वहीं चने पर 800 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। यहां पर 16 किलोग्राम के प्रति बैग की कीमत 960 रुपये तय की गई है। बिक्री केंद्र के सेल्समैन हरदीप ने बताया कि किसानों में नई किस्मों की डिमांड ज्यादा है।

10 साल पुराने जो बीज हैं, उनमें से एक-दो को छोड़कर बाकी की बिक्री निगम द्वारा ही बंद कर दी गई है। किसानों में जिन किस्मों की डिमांड ज्यादा है, उनकी आपूर्ति की जा रही है। 2967 किस्म की डिमांड ज्यादा है। इसकी उपज बेहतर होती है। अन्य किस्मों की भी खासियत यही है। जिनमें उपज ज्यादा है, उन्हीं को किसानों द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है। उधर, प्राइवेट डीलरों के पास खाद की आपूर्ति की गई है। इसकी कृषि विभाग द्वारा निगरानी की जा रही है।


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