राष्ट्रहित सर्वोपरि का उद्देश्य लेकर काम करते हैं स्वयंसेवक: राजेश
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से रविवार को सीएवी स्कूल में नगर शक्ति-राष्ट्र भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता आर्मी वेटर्न संदीप खरब ने की। मुख्य अतिथि व्यवसायी मनोज बंसल रहे जबकि मुख्य वक्ता संघ के हरियाणा प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख राजेश रहे।
जागरण संवाददाता, हिसार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से रविवार को सीएवी स्कूल में नगर शक्ति-राष्ट्र भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता आर्मी वेटर्न संदीप खरब ने की। मुख्य अतिथि व्यवसायी मनोज बंसल रहे जबकि मुख्य वक्ता संघ के हरियाणा प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख राजेश रहे। भगवा ध्वजारोहण को प्रणाम कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया जो कि अवतरण एवं ध्वज प्रणाम के बाद विकिर हुआ। मुख्य वक्ता हरियाणा प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख राजेश ने आरएसएस के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1925 में प्रथम संघ चालक डा. केशवराम बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित किया गया संघ अब 97वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। देशभर में करीब 60 हजार से अधिक शाखाएं लग रही हैं। जहां शारीरिक एवं बौद्धिक के पारंगतों द्वारा व्यक्ति निर्माण कर स्वयंसेवक तैयार किए जाते हैं जो राष्ट्रहित के उद्देश्य से काम करते हैं। स्वयंसेवकों के लिए राष्ट्रहित ही सर्वोपरि होता है। वह बिना किसी जात-पात के बंधन से मुक्त होकर देश के हर विकास कार्य में अपना संपूर्ण सहयोग देता है और अन्यों को भी प्रेरित करता है। संघ केवल मानव जाति का ही नहीं, बल्कि जीव-जंतु, वनस्पती, नदियां, पहाड़ आदि का भी सम्मान करते हुए संरक्षण देने का कार्य करते हैं। कार्यक्रम में विभाग संघ चालक कमल, जिला संघ चालक सुशील, विभाग प्रचारक पुरुषोत्म के अलावा संघ के पदाधिकारी नगर संघ चालक भूपेंद्र एवं राहुल, जिला कार्यवाह पृथ्वी सिंह, आदि का सान्निध्य रहा। इस बीच भारी संख्या में शहर के गणमान्य लोग परिवार सहित कार्यक्रम के साक्षी बने। समारोह में संघ की इकाईयां सेवा भारती, स्वदेशी जागरण मंच, वनवासी कल्याण मंच, ग्राहक पंचायत, विश्व हिदू परिषद, हिदू जागरण मंच, गौ सेवा प्रकल्प, प्रचार विभाग द्वारा स्टालों के माध्यम से प्रदर्शनी लगाई गई। इनका किया प्रदर्शन शहर के द्विनगर शारीरिक प्रधान कार्यक्रम के निमित स्वयंसेवकों ने सुंदर एवं अद्भुत तरीके से अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। नियुद्ध में करांटे, कुंगफू आदि के माध्यम से आत्मरक्षा पर केंद्रित किया गया। वहीं सामूहिक समता अर्थात एक समानताज् के दौरान स्वयंसेवकों कर सामांजस्य एवं समन्वय देखते ही बनता था। विभिन्न दिशाओं में पथ संचलन करते हुए अंत में तय स्थान पर सटीक समय पर सब एक साथ पहुंचते हैं। वहीं दंड संचलन एवं युद्ध में लाठी चलाने का अद्भुत प्रदर्शन किया तो पदविन्यास एवं खेलों में युवाओं, बाल स्वयं सेवकों एवं प्रौढ़ वर्ग ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। घोष का प्रदर्शन भी लाजवाब रहा। शाखा में नित प्रयोग किए जाने वाले योगासन, सूर्य नमस्कार के अलावा सामूहिक गीत, सुभाषित के माध्यम से संदेश दिया गया कि खेल एवं व्यायाम हमारे स्वस्थ जीवन का हिस्सा है।