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रोहतक पीजीआइ के आलाधिकारी हुए कोरोना संक्रमित, नारी शक्ति के कंधों पर प्रशासनिक जिम्मेदारी

पंडित बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. ओपी कालरा की पत्नी कोरोना संक्रमित हैं जिसके कारण वे खुद भी घर में क्वारंटाइन हैं। इसके अलावा निदेशक डा. रोहताश कुमार यादव कोविड-19 के स्टेट नोडल आफिसर डा. ध्रुव चौधरी भी दोबारा से संक्रमित हो गए हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 02:10 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 02:10 PM (IST)
रोहतक पीजीआइ के आलाधिकारी हुए कोरोना संक्रमित, नारी शक्ति के कंधों पर प्रशासनिक जिम्मेदारी
रोहतक पीजीआई में एमएस डा. पुष्पा दहिया और कार्यवाहक निदेशक डा. सरिता मग्गू संभल रही व्यवस्था

रोहतक [ओपी वशिष्ठ] पंडित भगवत दयाल शर्मा हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में प्रशासनिक अधिकारियों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। जिसके कारण प्रशासनिक जिम्मेदारी नारी शक्ति के कंधों पर आ गई है। कोरोना महामारी की इस विकट स्थिति में नारी शक्ति न केवल जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं बल्कि मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर भी निगरानी रखे हुए हैं। इसमें सबसे अहम रोल मेडिकल सुपरीटेंडेंट डा. पुष्पा दहिया का है, जो दिन-रात संस्थान में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

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पंडित बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. ओपी कालरा की पत्नी कोरोना संक्रमित हैं, जिसके कारण वे खुद भी घर में क्वारंटाइन हैं। इसके अलावा निदेशक डा. रोहताश कुमार यादव, कोविड-19 के स्टेट नोडल आफिसर डा. ध्रुव चौधरी भी दोबारा से संक्रमित हो गए हैं। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. वीके कत्याल, सीनियर प्रोफेसर डा. प्रदीप गर्ग के अलावा अन्य वरिष्ठ चिकित्सक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में सभी प्रशासनिक जिम्मेदारी मेडिकल सुपरीटेंडेंट डा. पुष्पा दहिया के ऊपर आ गई है।

अब उनको ही सरकार से लेकर प्रशासन तक पीजीआइ में कोरोना महामारी की स्थिति को लेकर जानकारी देनी पड़ रही है। इसके अलावा संस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए चिकित्सकों की लगातार बैठकें लेनी पड़ रही है। इसके अलावा मरीजों व उनके तिमारदारों से भी रूबरू होना पड़ रहा है।

कोरोना संक्रमितों को बेहतर इलाज देने का प्रयास : डा. पुष्पा

एमएस डा. पुष्पा दहिया का कहना है कि उनके सभी बड़े अधिकारी कोरोना संक्रमित हो चुके है। संस्थान में चिकित्सक व हेल्थ केयर वर्कर्स भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं। जिससे मेनपावर का अभाव होने लगा है। जैसे-तैसे चिकित्सकों को प्रेरित किया जा रहा है ताकि मरीजों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सके। प्रशासनिक जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। लेकिन अधिकारियों से फोन पर मार्गदर्शन व परामर्श लिया जा रहा है। खाने-पीने और आराम करने तक का समय नहीं है। लेकिन इसकी कोई चिंता नहीं है क्योंकि उनकी प्राथमिकता संस्थान में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना है। इसके लिए संस्थान के सभी हेल्थ केयर वर्कर्स दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

संक्रमित लोगों की मौत पर तुरंत होना चाहिए संस्कार

एमएस डा. पुष्पा दहिया का कहना है कि पीजीआइएमएस में प्रदेश के विभिन्न जिलों से मरीज भर्ती हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी लगातार हो रही है। लेकिन कोरोना महामारी प्रोटोकाेल के अनुसार रोजाना केवल 12 ही शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। संस्थान में ही शव काफी घंटों तक रखने पड़ रहे हैं, उनके स्वजनों को भी दिक्कत होती है। स्वजन शवों का संस्कार करवाने के लिए दबाव भी बनाते हैं। यह संवेदनशील मामला भी है, इसलिए उनकी भावनाओं का भी ख्याल रखना होता है। जिला प्रशासन से आग्रह है कि ऐसी व्यवस्था हो ताकि शवों का अंतिम संस्कार तुरंत हो जाए ताकि स्वजनों की भावनाओं को भी ठेस न पहुंचे।


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