कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में भी रोहतक के परांठे की चर्चा, मालामाल हो जाएगा तीन परांठे खाने वाला व्यक्ति
कुरुक्षेत्र स्थित हरियाणा पैवेलियन की भीम रसोई में इस बार बड़ा परांठा भी परोसा जाएगा। यह परांठा करीब दो फीट का होगा। कोई व्यक्ति अगर पैवेलियन में बैठे-बैठे ऐसे तीन परांठे खा लेगा तो उसे एक लाख रुपये नकद इनाम बुलेट बाइक और जीवन भर परांठे भी मुफ्त खिलाए जाएंगे।
अरुण शर्मा, रोहतक। गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र स्थित हरियाणा पैवेलियन की भीम रसोई में इस बार बड़ा परांठा भी परोसा जाएगा। यह परांठा करीब दो फीट का होगा। कोई व्यक्ति अगर पैवेलियन में बैठे-बैठे ऐसे तीन परांठे खा लेगा तो उसे एक लाख रुपये नकद इनाम के साथ ही बुलेट बाइक और जीवन भर परांठे भी मुफ्त खिलाए जाएंगे। प्रदेश से बाहर रह रहे लोगों को भले ही यह बात अचरज में डालती हो पर हरियाणा में ऐसे परांठे बेचने वाले कई हैं। यहां तो रोहतक में इतना बड़ा परांठा भी बनाया जाता है जिसे कोई एक खाकर भी लाख रुपये का इनाम जीत सकता है।
रोहतक का यह परांठा जितना दिलचस्प है, उतना ही इस पराठे के चलन में आने के पीछे की कहानी भी है। इसे लोगों तक पहुंचाने का श्रेय रोहतक के आंबेडकर कालोनी निवासी 38 वर्षीय मोनू मुकेश का है, जिन्होंने कुछ साल पहले बेटी के कहने पर बड़ा परांठा बनाया था और उन्हें इसी काम ने देश-दुनिया में पहचान दिलाई।
मोनू ने बताया कि साल 2006 में एक दिन उनकी पत्नी की तबियत खराब थी। मोनू किराए की इमारत में रेस्टोरेंट संचालित करते थे। उनकी पत्नी गीता ने फोन करके कहा कि रात में घर आते समय परांठे लेते आना। मोनू अपने रेस्टोरेंट में तैयार परांठे लेकर पहुंचे। जब परांठे खाने के लिए पत्नी गीता और मोनू अपनी ढाई वर्षीय बेटी तपस्या के साथ बैठे। बेटी ने शरारत वाले अंदाज में कह दिया कि पापा यह परांठे तो बेहद छोटे हैं, इससे तो हम सभी का पेट नहीं भरेगा। इसके साथ ही दोनों हाथ फैलाते हुए कहा कि इतने बड़े परांठे बनाओ। मोनू को अपनी बेटी तपस्या की बात में दम लगा। इसी आइडिया पर उन्होंने काम शुरू कर दिया। बीते साल लिम्का बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए आनलाइन आवेदन किया था लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिली।
बड़े तवे पर तैयार होता है दो-तीन किग्रा वजनी तीन-साढ़े तीन फीट का परांठा
12वीं पास मोनू ने बताया कि तवे पर इतने बड़े परांठे को डालना और उसे पलटने में शुरुआत में दिक्कत होती। बड़ी चुनौती थी। शुरुआत में परेशानी हुईं। 20-25 दिनों के कड़े अभ्यास के बाद परांठे बनाना शुरू कर दिया। परांठे का आकार तीन से साढ़े तीन फीट तक होता है। सबसे बड़ा परांठा बनाने के लिए तवे की तलाश शुरू की। बाजार में पहुंचे तो एक रेहड़ी वाला बड़े तवे पर टिक्की बना रहा था। 30 किग्रा वजनी तवे पर दो से तीन किग्रा वजन का परांठा तैयार करते हैं।
अभी तक दो व्यक्ति ही परांठा खाने में हुए कामयाब
मोनू कहते हैं कि हमारे यहां तैयार होने वाले परांठे से सामान्य 15-20 परांठे तैयार हो सकते हैं। संबंधित परांठे को रेस्टोरेंट में बैठकर खाने वाले के लिए एक लाख रुपये नकद इनाम और ताउम्र खाना मिलेगा। अभी तक भैंसरू के अश्वनी कौशिक और इंदौर (मध्य प्रदेश) के महाराज सिंह परांठा खाने में कामयाब रहे हैं।