रोहतक नगर निगम में प्रापर्टी टैक्स में 1600 फाइल पेडिंग, ना ढेर खत्म हुए ना शिकायतें
रोहतक नगर निगम में पेंडिंग फाइलों का मामला निपट ही नहीं रहा है। नगर निगम में करीब 1600 फाइलें पेंडिंग है। ऐसे में लोग सालों से नगर निगम के चक्कर काटने को मजबूर है। बावजूद इसके आम जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
जागरण संवाददाता, रोहतक। नगर निगम की प्रापर्टी टैक्स ब्रांच में 1600 फाइल पेडिंग हैं। पेडिंग फाइलों का मामला निपट नहीं रहा। दूसरी ओर, टैक्स ब्रांच से संबंधित शिकायतें भी खत्म नहीं हो रही हैं। लोग पिछले कई साल से चक्कर काट रहे हैं। फिर भी कोई समस्या नहीं निपट रही। गड़बड़ियों का इतना अंबार है कि लोग परेशान हैं। कई दिनों से समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। भीड़ खत्म नहीं हो रही।
फिलहाल शिकायतों में कुछ दिलचस्प मामले भी सामने आ रहे हैं। रेलवे रोड पर एक किराएदार के नाम ही प्रापर्टी टैक्स के बिल भेज दिए। इसी तरह से कुछ अन्य गड़बड़ियां भी सामने आईं हैं। निगम कार्यालय से फाइल गुम होने की शिकायतें नहीं थम रहीं हैं। डीएलएफ कालोनी महेंद्र सिंह नगर निगम की बर्थ-डेथ ब्रांच में तैनात रहे हैं। अब 65 वर्षीय महेंद्र सिंह प्रापर्टी को अपने नाम करवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। इन्होंने बताया कि अधिकारी और कर्मचारी कुछ बताते भी नहीं। यह हैरान तो उस वक्त रह गए जब इन्हें तीन दिन पहले बताया कि फाइल गुम हो गई है। इसलिए उच्चाधिकारियों से शिकायत की।
55 गज के बजाय 65 गज का घर दिखाया, नाम भी गलत किया
जनता कालोनी निवासी विजय प्रकाश पिछले एक साल से नगर निगम कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं। इन्होंने बताया कि 266 गज का प्लाट था। इस प्लाट के तीन हिस्सेदार हो गए। अब हमारे नाम 55 गज जमीन आ गई और प्लाट का निर्माण भी करा दिया। अब निगम की तरफ से 55 गज के बजाय 65 गज का प्रापर्टी टैक्स भेजा जा रहा है। इसी तरह से प्लाट का स्नेहलता के नाम है, जबकि निगम ने श्यामलता प्रापर्टी टैक्स के बिल में नाम दर्ज कर दिया है। इन सभी खामियों को दूर कराने चक्कर काट रहा हूं। टैक्स के अधिकारी बार-बार यही कह रहे हैं कि सर्वेयर घर पर आएंगे, लेकिन एक साल बाद भी कोई नहीं आया। इसलिए चक्कर काट रहा हूं।
रेलवे रोड पर किरादार को भेजा एक लाख के प्रापर्टी टैक्स का बिल
रेलवे रोड पर कपड़ों के सिलाई का कार्य करने वाले संजय ने बताया कि हमारी 40 गज की किराए की दुकान है। नगर निगम ने करीब एक माह पहले ही प्रापर्टी टैक्स का बिल भेज दिया। संजय ने बताया कि हमें इस बात से चिंता है कि कहीं बकाया बताकर निगम दुकान सील न कर दे। इन्होंने यह भी कहा कि चार दुकानें हैं। लेकिन सिर्फ एक ही दुकान को बकाया प्रापर्टी टैक्स का बिल भेजा है। इन्होंने बताया कि नगर निगम को संबंधित दुकान के मालिक को भी बकाए का बिल भेजना चाहिए था। अब शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले एक माह से लगातार अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं। फिर भी सुनवाई नहीं हुई।
यह बोले परेशान लोग
पूर्व पार्षद जयकिशन राजौतिया ने बताया कि मैं नगर निगम का कई बार पार्षद रहा हूं और फिलहाल सबसे उम्रदराज हूं। मैंने आज तक इतने खराब हालात नहीं देखे। जनता बेहाल है। हर कोई चक्कर काट रहा है, लेकिन जनता को इधर से उधर टरका दिया जाता है। टैक्स ब्रांच में इतना हाल-बेहाल आज तक नहीं देखा।
चक्कर काटने के लिए मजबूर
जनता कालोनी निवासी विजय प्रकाश ने बताया कि मुझे पिछले कई माह से यूं ही चक्कर काटने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कोई सुनवाई नहीं हो रही। मुझे और स्वजनों को आर्थिक और मानसिक तौर से प्रताड़ित किया जा रहा है।
कई मामले पेंडिंग
नगर निगम मेयर मनमोहन गोयल ने बताया कि जनता की परेशानी से वाकिफ हैं। हमारा यही प्रयास है कि टैक्स ब्रांच की सभी समस्याएं दूर हों। मुख्य तौर से एनडीसी यानी नो ड्यूज सर्टिफिकेट, नई प्रापर्टी आइडी बनवाने और प्रापर्टी टैक्स से संबंधित खामियों को दूर कराने के मामले लंबित हैं। इन सभी मामलों पर कार्य कराया जा रहा है।
पेडिंग फाइलें निपटाने का प्रयास
नगर निगम संयुक्त आयुक्त सुरेश कुमार ने बताया कि हमारा प्रयास है कि सभी पेडिंग फाइल निपटाईं जाएं। सरकार ने यह भी आदेश दिए हैं कि निजी एजेंसी की वेबसाइट को बंद किया जाए और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के पोर्टल पर पूरा डाटा अपलोड किया जाए। शहरी क्षेत्र में करीब 1.96 लाख उपभोक्ता हैं।