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रोहतक में चार हत्‍या करने वाले अभिषेक ने क्राइम सीरियल देख बनाई थी योजना, पहले भी कर चुका था प्रयास

रोहतक में पूरे परिवार की हत्‍या करने वाले अभिषेक ने बताया कि उसने परिवार को खत्म करने की तैयारी पहले भी कर दी थी लेकिन ऐन वक्त पर वह पीछे हट गया था। उसके दिमाग में नहीं आ रहा था कि कैसे अंजाम दिया जाए। फिर क्राइम सीरियल देखा।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 12:24 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 12:24 PM (IST)
रोहतक में चार हत्‍या करने वाले अभिषेक ने क्राइम सीरियल देख बनाई थी योजना, पहले भी कर चुका था प्रयास
रोहतक में माता-पिता, बहन और नानी की हत्‍या करने वाले अभिषेक के बारे में पढ़ें एक एक पहलू

जागरण संवाददाता, रोहतक : विजय नगर में हुए चौहरे हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित अभिषेक से सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में सामने आया कि वह पिछले कई दिनों से हत्याकांड की योजना बना रहा था। हत्याकांड से कई दिन पहले भी उसने पूरे परिवार को खत्म करने की तैयारी कर दी थी, लेकिन ऐन वक्त पर वह पीछे हट गया था। उसके दिमाग में नहीं आ रहा था कि कैसे अंजाम दिया जाए। इसके लिए वह रोजना अपने मोबाइल पर क्राइम सीरियल देखता था। क्राइम सीरियल को देखकर ही उसने पूरी योजना बनाई कि कब, किसे और कहां पर मारना है। उसने एक क्राइम सीरियल का नाम भी पुलिस को बताया।

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जिसमें दिखाया गया था कि परिवार के एक ही बेटे ने कैसे इसी पैटर्न पर अपने परिवार को खत्म किया था। तब जाकर उसने हत्याकांड को अंजाम दिया। उसे जरा सा भी आभास नहीं था कि वह पुलिस के शिकंजे में आ जाएगा। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपित ने हत्याकांड को 32 बोर के अवैध हथियार से अंजाम दिया है। वह कहां से हथियार लेकर आया था और किसने उसे हथियार उपलब्ध कराया इस पर भी गहनता से जांच की जा रही है।

आरोपित अभिषेक ने सुनाई थी पुलिस को यह कहानी

इस पूरे घटनाक्रम में उस परिवार में केवल अभिषेक ही बचा था। हत्याकांड के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो अभिषेक से इस बारे में जानकारी ली गई। तब उसने बताया कि वह कोचिंग में गया था। उसके पीछे ही यह हत्याकांड हुआ है। काफी देर तक भी दरवाजा नहीं खुला, तब वह मकान की छत पर पहुंचा था, जिसके बाद ऊपर के कमरे में दरवाजे के नीचे से खून निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके बाद उसने कमरे का दरवाजा तोड़ा जिसमें सेंट्रल लाक लगा हुआ था। कमरे के अंदर मां बबली और नानी का शव जमीन पर पड़ा था और बहन तमन्ना खून से लथपथ हालत में बेड पर थी। इसके बाद वह नीचे आया तो नीचे वाले कमरे का भी दरवाजा बंद था। कमरे के अंदर उसके पिता का शव पड़ा हुआ था।

27 अगस्त का दिन ही क्यों चुना...

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि हत्याकांड से कई दिन पहले प्रापर्टी डीलर के घर में मोटी रकम आयी थी। हालांकि यह रकम कैश में थी या फिर खाते में इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। आरोपित ने इस रकम को लेकर हत्याकांड की साजिश रच दी। आरोपित का मानना था कि वह पूरे परिवार को खत्म कर देगा और बाद में रकम को लेकर किसी अन्य व्यक्ति पर शक चला गया जाएगा कि रुपयों को लेकर ही हत्या हुई है। इसीलिए उसने 27 अगस्त को दिन में हत्या की। यदि वह रात में हत्या करता तो पुलिस को भी लगता कि कोई बाहरी व्यक्ति हो सकता है। दिन में हत्याओं को अंजाम देना इसलिए चुना कि जिससे परिवार के ही दूसरे सदस्य इस मामले में फंस जाए और कोई उसे कुछ ना कह सके।

सिलसिलेवार उतारा गया मौत के घाट

प्राथमिक तौर पर हुई पूछताछ में यह पता चला है कि आरोपित के निशाने पर उसके माता-पिता और बहन ही थी। वह अपनी नानी को मारना नहीं चाहता था। दरअसल, हत्याकांड से कई दिन पहले उसकी नानी रोशनी भी उनके घर आ गई थी। वह बार-बार अपनी नानी को कहता रहता था कि नानी आप घर कब जाओगी, लेकिन रोशनी घर नहीं गई। किसी को भी यह आभास नहीं था कि वह बार-बार ऐसा क्यों पूछ रहा है। जिसके बाद उसने नानी को भी खत्म करने की सोची। जब उसने पहले अपने पिता, मां और बहन को गोली मारी तो नानी ने कहा कि नाश कर तुने तो। तब उसने नानी के सिर में भी गोली मार दी। नानी तब भी तड़पती रही। इसके बाद उसने एक गोली और मार दी कि जिससे वह जिंदा ही ना बच सके।

बीकाम प्रथम वर्ष का छात्र है अभिषेक

आरोपित अभिषेक की उम्र करीब 20 साल है। जो शहर के ही एक कालेज में बीकाम प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। इसके साथ-साथ वह दिल्ली में केबिन क्रू का कोर्स भी कर रहा था, लेकिन पढ़ाई को लेकर वह कभी भी गंभीर नहीं रहा। वह दिखने में बेहद शांत स्वभाव का है, लेकिन जिस तरीके से उसने इस चौहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है उस पर कोई भी यकीन नहीं कर पा रहा है कि वह ऐसा कर सकता है।

तीन अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध, पूछताछ में उगलेगा राज

जिस तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया गया कि उससे देखकर नहीं लगता कि उसने अकेले ही यह सब किया होगा। मुख्य आरोपित अभिषेक पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, लेकिन तीन व्यक्ति अब भी पुलिस की रडार पर है। जिसमें दो बाहरी व्यक्ति है और एक परिवार का ही सदस्य है। पुलिस को शक है कि इनमें से किसी व्यक्ति ने या तो हत्याकांड में आरोपित का साथ दिया है या फिर उसकी साजिश रचकर हथियार उपलब्ध कराया। फिलहाल पुलिस आरोपित को रिमांड पर लेकर सख्ती से पूछताछ कर रही है। पूछताछ के बाद इस मामले में और भी चौकाने वाला पर्दाफाश हो सकता है।

परिवार के हर सदस्य के मोबाइल पर कर रखी थी काल

आरोपित अभिषेक की उम्र भले ही कम हो, लेकिन वह कितना मास्टरमाइंड है उसका अंदाजा इन हत्याकांड से लगाया जा सकता है। आरोपित ने जब मकान का मेन गेट बंद होने की आसपास के लोगों को सूचना दी। उनके सामने भी उसने सबसे पहले अपना पिता प्रदीप, फिर अपनी मां बबली और आखिर में अपनी बहन के मोबाइल पर भी काल की थी। ऐसा इसलिए किया गया कि जिससे किसी को भी उस पर कोई शक ना हो। वह बार-बार यह भी कहता रहा कि आखिर घर के अंदर ऐसा क्या हो गया कि जो कोई भी उसका फोन नहीं उठा रहा।

अधूरे पर्दाफाश के बीच पुलिस के पास नहीं कई सवाल के जवाब

चौहरे हत्याकांड को लेकर पुलिस ने भले ही मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर पर्दाफाश कर दिया हो, लेकिन अब भी ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब पुलिस के पास नहीं है। पहला सवाल यह है कि हत्याकांड की वजह प्रापर्टी विवाद बताई जा रही है, लेकिन पुलिस इसकी भी अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही। दूसरा सवाल यह है कि इतने बड़े हत्याकांड को अकेला व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता। उसके साथ और कौन-कौन था इस पर भी पुलिस चुप्पी साधे हुए हैं। तीसरा सवाल यह है कि हत्याकांड को पिता के लाइसेंसी असलहे से अंजाम दिया गया या फिर किसी अन्य व्यक्ति ने उसे असलहा उपलब्ध करा। इसका भी पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है। कुल मिलाकर यह है कि पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाने के लिए जल्दीबाजी में आरोपित को मीडिया के सामने तो ला दिया, लेकिन कई सवालों का कोई जवाब नहीं है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस होगा दायर

एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि यह बेहद जघंन्य अपराध है। पुलिस टीम को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले की जांच जल्दी से जल्दी पूरी कर चार्जशीट तैयार की जाए। जिससे यह मामला फास्ट ट्रैक् कोर्ट में दायर किया जा सके। गौरतलब है कि सात माह में फास्ट ट्रैक कोर्ट में यह दूसरा मामला दायर होगा। इससे पहले जाट कालेज अखाड़े में हुआ हत्याकांड भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में दायर किया गया था। जो फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है।

पिता ने सिखाया था हथियार चलाना, जन्मदिन के केक पर भी रखा था हथियार

प्रापर्टी डीलर प्रदीप के पास लाइसेंसी असलहा भी था। आसपास के लोगों की मानें तो प्रदीप ने अभिषेक को हथियार चलाना भी सीखा रखा था। 21 मार्च को जन्मदिन के केक पर भी हथियार रखकर फोटो खींचा गया था, जो इंटरनेट मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है। इसके अलावा प्रदीप और उसके बेटे अभिषेक का एक फोटो भी इंटरनेट मीडिया पर चल रहा है। जिसमें वह हाथों में हथियार लिए हुए हैं। आरोपित अभिषेक ने उसी का फायदा उठाया और जिस पिता ने उसे हथियार चलाना सिखाया आरोपित ने उसे ही मौत के घाट उतार दिया।

बंधनी से थी तेहरवीं पर पकड़ी, हाथों में लग गई हथकड़ी

प्रापर्टी डीलर प्रदीप, उसकी पत्नी बबली और बेटी तमन्ना उर्फ नेहा की बुधवार को उनके आवास पर तेहरवीं हुई। एक तरफ परिवार के बाकी सदस्य तेहरवीं का हवन कर रहे थे तो दूसरी तरफ उनकी हत्या के आरोप में बेटा अभिषेक सलाखों के पीछे जा रहा था। सुबह के समय घर पर आने वाले रिश्तेदारों ने भी पूछा कि अभिषेक कहां पर है। कुछ समय तक परिवार के सदस्य भी कुछ नहीं बोले, लेकिन थोड़ी देर बाद ही इंटरनेट मीडिया पर अभिषेक के गिरफ्तार होने की खबर चल गई, जिस पर दूर-दराज से रिश्तेदारों को यकीन भी नहीं हुआ कि इतना मासूम दिखने वाला अभिषेक इस जघंन्य हत्याकांड को अंजाम दे सकता है। आरोपित ने तीन दिन पहले भी इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की थी, जिसमें उसने अपने पिता, मां और बहन का एक फोटो लगाया था और उनकी आत्म की शांति की कामना की थी। इसके अलावा एक सितंबर को तेहरवीं की जानकारी देने के लिए भी कार्ड बनाकर पोस्ट किया हुआ था।

घर में चला दी थी तेज आवाज में एलइडी, इसलिए बाहर नहीं गई आवाज

आरोपित ने हत्याकांड को अंजाम देने से पहले घर में तेज आवाज में एलईडी चला दी थी। ऐसा इसलिए किया गया कि जिससे गोली की आवाज बाहर ना जा सके। इसके बाद उसने एक-एक कर परिवार के सभी सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपित अपने घर से निकला और कुछ देर बाद वापस घर पहुंचा। जिससे सभी को लगे कि हत्याकांड के समय वह घर पर नहीं था।

एक साथ कई लोगों की हत्या से पहले भी सुर्खियों में रहा रोहतक

जिले में इससे पहले भी इस तरह की कई जघंन्य वारदात हो चुकी है जिसमें एक साथ कई लोगों को मौत के घाट उतारा गया। इसी साल 12 मार्च को जाट कालेज के अखाड़े में मुख्य कोच मनोज, उसकी पत्नी साक्षी, कोच प्रदीप, कोच सतीश, महिला पहलवान पूजा और मनोज व साक्षी के तीन वर्षीय बेटे सरताज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि कोच अमरजीत को भी गोली मारी गई थी, जिसमें वह घायल हो गया था। इस हत्याकांड को कोच सुखवेंद्र ने अंजाम दिया था। इसके अलावा 14 सितंबर 2009 को कबूलपुर गांव की रहने वाली सोनम ने अपने प्रेमी नवीन के साथ मिलकर अपने परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। उसने सभी खाने में नशीला पदार्थ दिया, जिसके बाद दादी भूरी देवी, पिता सुरेंद्र सिंह, मां प्रमिला, भाई अरविंद, चचेरी बहन सोनिका व मोनिका और चचेरे भाई विशाल का गला घोंट दिया था। यह मामला भी काफी सुर्खियों में रहा था।


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