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सिरसा में एक हजार चालकों को सरप्लस करने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

सर्व कर्मचारी यूनियन के प्रधान मदन लाल खोथ रामकुमार चुरनिया पृथ्वी चाहर सुरजीत अरोड़ा ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं जा रहा है। लंबे समय से लिखित अनुरोध के बावजूद भी परिवहन मंत्री द्वारा यूनियन को बातचीत के लिए समय नहीं दिया जा रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 11:56 AM (IST)
सिरसा में एक हजार चालकों को सरप्लस करने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
सिरसा में प्रदर्शन करते हुए रोडवेज यूनियन कर्मचारी

सिरसा, जेएनएन। सिरसा में बस स्टैंंड स्थित कार्यशाला के सामने रोडवेज कर्मचारियों ने एक हजार चालकों को सरप्लस किए जाने पर प्रदर्शन किया। रोडवेज कर्मचारियों ने जीएम खूबीराम कौशल को ज्ञापन सौंपा। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबधित सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी के आह्वान पर सुबह के समय रोडवेज कर्मचारी एकत्रित हुए।

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मांगों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

सर्व कर्मचारी यूनियन के प्रधान मदन लाल खोथ, रामकुमार चुरनिया, पृथ्वी चाहर, सुरजीत अरोड़ा ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं जा रहा है। लंबे समय से लिखित अनुरोध के बावजूद भी कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए परिवहन मंत्री द्वारा यूनियन को बातचीत के लिए समय नहीं दिया जा रहा है। बल्कि विभाग कार्यरत एक हजार चालकों को सरप्लस करने व अन्य विभागों में समायोजित करने के निर्णय से कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने कहा कि एक हजार चालकों को सरप्लस कर दिया गया है। ऐसा कर कर्मचारियों के साथ धोखा किया गया है।

ये है कर्मचारियों की मांग

कर्मचारी नेता रामकुमार चुरनियां ने कहा कि कर्मचारियों की मांग एक हजार रोडवेज चालकों के सरप्लस करने के फैसले को वापस लिया जाए। निजीकरण पर रोक लगाई जाए। विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल की जाए। विभाग में किलोमीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम 2016 रद की जाए, प्रदेश की आबादी अनुसार बसें चलाई जाए। सरकार द्वारा वर्ष 2006  के बाद भर्ती सभी कर्मचारियों पर एनपीएस की बजाय पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। परिचालकों को वेतनमान अपग्रेड करके चालकों के समान किए जाए। परिचालक से उपनिरीक्षक व उपनिरीक्षक से निरीक्षक की पदोन्नति होने पर वेतन वृद्ध्ि दी जाए, लिपिकों सहित कर्मचारी पंजाब से कम वेतन ले रहे हैं। उन्हें पंजाब के समान वेतन दिया जाए।


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