कंडम हुई लारी : झज्जर जिले में 220 रोडवेज बसों की जरूरत, बस 164 बसें ही हैं उपलब्ध
रूटों पर दौड़ने वाली रोडवेज बसों की संख्या में कमी आ रही है। फिलहाल कोरोना काल के चलते बसों की कमी अधिक नहीं खल रही। अगर सवारियों की संख्या बढ़ती तो जरूर बसों की कमी आडे आएगी। जिले में फिलहाल आवश्यकता के एक चौथाई बसों की कमी चल रही है।
जागरण संवाददाता,झज्जर : झज्जर जिले में कंडम लारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए रूटों पर दौड़ने वाली रोडवेज बसों की संख्या में कमी आ रही है। फिलहाल तो कोरोना काल के चलते बसों की कमी अधिक नहीं खल रही। अगर सवारियों की संख्या बढ़ती तो जरूर बसों की कमी आडे आएगी। जिले में फिलहाल आवश्यकता के एक चौथाई बसों की कमी चल रही है। पिछले लंबे समय से नई रोडवेज बसें नहीं मिलने के कारण बसों की कमी दूर होने की बजाए बढ़ती जा रही है। हालांकि सरकार ने नई बसों की घोषणा की हुई है और आर्डर भी दिया गया है। लेकिन रोडवेज बसों को धरातल पर आने व रूटों पर दौड़ने में अभी काफी समय लगेगा। इसलिए बची हुई बसों के जिम्मे ही सवारियों को बोझ रहेगा।
जिले की बात करें तो 220 रोडवेज बसों की आवश्यकता है। जबकि फिलहाल जिले में 164 रोडवेज बसें हैं। जिनमें 6 ट्रेनिंग स्कूल की व 31 ठेके पर चल रही बसें भी शामिल है। जिससे रोडवेज बसों की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। रोडवेज बसों की कमी का असर सीधा रूटों पर चलने वाली बसों की संख्या पर दिखाई देता है। मौजूदा समय में 91 बसें झज्जर डिपो में व 73 बसें बहादुरगढ़ डिपो में चल रही है। इन बसों के सहारे ही सभी रूटों को कवर किया जा रहा है। कोरोना काल के चलते रूटों पर चलने वाली बसों की कम आवश्यकता है। इसलिए व्यवस्था बनी हुई है। वहीं सवारियां भी कम हैं।
कोरोना महामारी के चलते स्कूल व कालेज बंद हैं। यहां तक कि 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद से ही स्कूल व कालेज खुलने की प्रक्रिया काफी कम रही है। अधिकतर समय स्कूल व कालेज बंद रहे हैं। जिसका असर रोडवेज में सफर करने वाली सवारियों पर भी पड़ा है। क्योंकि सामान्य दिनों में स्कूल व कालेजों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चे बसों में सफर करते हैं। कोरोना काल में विद्यार्थी अधिकतर दिन घर पर ही रहे हैं। जिसके कारण रोडवेज में सवारियों की संख्या भी कमी रही।
-फिलहाल झज्जर डिपो में 91 व बहादुरगढ़ डिपो में 73 बसें चल रही हैं। जिनके सहारे सवारियों की सुविधा अनुसार सभी रूटों पर चलाया जा रहा है। ताकि किसी भी सवारी को परेशानी का सामना ना करना पड़े।