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गृहकर बैलेंस सीट शून्य करने के मामले की अटकी जांच को जांच आगे बढ़ाने की तैयारी

नगर निगम की गृहकर बैलेंस सीट शून्य कर भ्रष्टाचार करने के मामले की अटकी जांच अब आगे बढ़ाई जाएगी। करीब 11 हजार बैलेंस सीट शून्य कर करोड़ों के भ्रष्टाचार के खेल का सच जांच में उजागर होने की संभावना बढ़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:44 PM (IST)
गृहकर बैलेंस सीट शून्य करने के मामले की अटकी जांच को जांच आगे बढ़ाने की तैयारी
गृहकर बैलेंस सीट शून्य करने के मामले की अटकी जांच को जांच आगे बढ़ाने की तैयारी

जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम की गृहकर बैलेंस सीट शून्य कर भ्रष्टाचार करने के मामले की अटकी जांच अब आगे बढ़ाई जाएगी। करीब 11 हजार बैलेंस सीट शून्य कर करोड़ों के भ्रष्टाचार के खेल का सच जांच में उजागर होने की संभावना बढ़ रही है। नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए जांच कमेटी इंचार्ज एवं सीनियर डिप्टी मेयर अनिल मानी से आग्रह किया है। ऐसे में अब मामले की जल्द ही मीटिग बुलाकर जांच को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरु हो गई है। उधर इस मामले में सीनियर डिप्टी मेयर मीटिग की तारीख तय करने को लेकर मेयर की हामी के इंतजार में है।

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जांच कमेटी के पास नहीं है जांच से जुड़े पर्याप्त दस्तावेज

सूत्रों की माने तो अभी तक जांच कमेटी को नगर निगम अफसरों ने जांच से जुड़े सभी दस्तावेज ही नहीं सौंपे है। जिस कारण पूर्व में भी जांच आगे नहीं बढ़ पाई थी। लंबे समय से जांच टीम जांच से जुड़े दस्तावेज प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। उधर निगम प्रशासन मामले में दस्तावेज छुपाने की दिशा में कार्य करता नजर आ रहा है। कारण है कि इस मामले में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का खुलासा होने की संभावना है। ऐसे में जांच रिपोर्ट पूरी तरह से प्रभावित होने की संभावनाएं बढ़ती जा रही है।

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5 साल 5 महीने और 9 दिन में भी दोषियों की नहीं हुई पहचान

सरकार भले ही प्रदेश में सरकारी तंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए प्रयासरत है। लेकिन हिसार के नगर निगम में गृहकर की बैलेंस सीट कर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का चुना लगाने वाले दोषियों को बचाने में सरकारी अफसर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। यहीं कारण है कि बैलेंस सीट शून्य हुए पांच साल पांच महीने और नौ दिन बीत चुके है लेकिन आज तक दोषियों पर कार्रवाई तो दूर उनकी पहचान तक फाइनल नहीं हुई है।

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नष्ट हो सकता है रिकार्ड

न रहेगा बांस और न बजेगी बांसूरी इस कहावत को गृहकर शाखा में भी चरितार्थ करने की दिशा में संभावनाएं बढ़ रही है। कारण है कि मामला करोड़ों रुपये है और वह एक कर्मचारी के बस का नहीं बल्कि इसमें एक कड़ी के होने की संभावनाएं है जिसमें आला अफसर भी शामिल हो सकते है। ऐसे में निगम की गृहकर शाखा में आग लगने या रिकार्ड नष्ट होने जैसे भविष्य में घटनाएं घट जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।

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ये है पुरा मामला

गृहकर के बकायदारों की पांच हजार बैलेंस सीट को 15 सितंबर 2016 को निगम की ओर से निजी कंपनी को जारी पत्र के आधार पर शून्य कर भ्रष्टाचार किया गया। भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद 22 जनवरी 2021 को नगर निगम की साधारण मीटिग में जांच कमेटी का गठन कर जांच शुरु हो गई। मीटिग में निगम का तर्क है कि 4155 बैलेंस सीट चैक की। जिसमें 13 करोड़ 11 लाख 98 हजार 491 रुपये की रिकवरी बनती थी। कंपनी प्रतिनिधि को बुलाकर जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि करीब 11 हजार बैलेंस सीट शून्य की गई। यानि मामला इससे कहीं अधिक राशि का है।

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वर्जन

नगर निगम के अफसर अपने भ्रष्टाचार के पुराने काले कारनामे छुपाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है इसलिए सरकार से मांग है कि गृहकर सहित पुराने बड़े भ्रष्टाचार के मुद्दों के सभी रिकार्ड को तुरंत प्रभाव से कब्जे में ले। यदि रिकार्ड नष्ट होता है तो निगम कमिश्नर से लेकर उससे जुड़े अन्य अधिकारी व कर्मचारियों पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए।

- अनिल महला, अध्यक्ष, सांझा मोर्चा, हिसार।

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ईओ ने जांच कमेटी की मीटिग बुलाने के लिए कहा है। इस बारे में मेयर से बातचीत कर जांच कमेटी की मीटिग की तारीख जल्द रखी जाएगी ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सकें।

- अनिल मानी, इंचार्ज जांच कमेटी एवं सीनियर डिप्टी मेयर, हिसार।


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