हिसार में बचा हुआ भोजन भी आएगा काम, बच्चे बनाएंगे जैविक खाद, फिर करेंगे प्रचार
स्कूलों में पढ़ने वाले 5वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी अब बचे हुए भोजन से खाद तैयार करेंगे। इसमें वे घर की रसोई से निकलने वाला गीला कचरा भी प्रयोग करेंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षक अब स्कूलों में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे।
जागरण संवाददाता, हिसार : घर में बचा हुआ भोजन भी अब काम आएगा। यह बात विद्यार्थी ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपने परिचितों को समझाते हुए नजर आएगा। स्कूलों में पढ़ने वाले 5वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी अब बचे हुए भोजन से खाद तैयार करेंगे। इसमें वे घर की रसोई से निकलने वाला गीला कचरा भी प्रयोग करेंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षक अब स्कूलों में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। गीले कचरे से खाद तैयार करने के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से स्कूलों को भिजवाए है।
ये है प्रोजेक्ट
हिसार के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों को अब शिक्षक गीले कचरे से खाद तैयार करने का प्रोजेक्ट देंगे। यह प्रोजेक्ट इसलिए दिए जाएंगे ताकि गीले कचरे का निपटान घराें में ही हो सकें। कचरे के शहरों में बन रहे पहाड़ की संख्या बढ़ने से रोकी जा सकें और कचरा रिसाइकिल किया जा सकें। पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है।
शिक्षक व विद्यार्थियों को करने है ये तीन अहम कार्य
- शिक्षक सभी 5वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को गीले कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया से अवगत करवाएंगे।
- शिक्षक विद्यार्थियों को सूखे कचरे के लिए नीले और गीले कचरे के लिए हरे डस्टबिन का प्रयोग करना सिखाएंगे।उसके बाद विद्यार्थी अपने घर में नीला व हरा डस्टबिन रखकर उसकी फोटो शिक्षक को भेजेंगे।
- शिक्षक विद्यार्थी को होम कंपोस्टिंग बनाना सिखाएंगा। विद्यार्थी खाद तैयार कर उसे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उसकी पब्लिसिटी भी करेगा ताकि दूसरे भी पर्यावरण सुरक्षा में अहम रोल अदा करें।
----सभी 5वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में गीले कचरे से खाद तैयार करने के प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा। ताकि विद्यार्थी सरकार की स्वच्छ भारत अभियान में अहम रोल अदा कर सकें। जिन विद्यार्थियों के घर में जगह की कमी है वे पार्क या अन्य उचित स्थान पर शिक्षक की देखरेख में खाद तैयार कर सकते है।
- डा. प्रदीप हुड्डा, उपनिगम आयुक्त, नगर निगम हिसार।