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भिवानी के कितलाना टोल पर महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- ये आजादी की लड़ाई है, लड़ते रहेंगे

किसान नेता राकेश टिकैत पहुंच चुके हैं वहीं गुरनाम सिंह चढूनी अभी नहीं पहुंचे हैं। जींद में महापंचायत के दौरान हुई मंच टूटने की घटना के बाद किसान संगठनों ने सबक लिया है। कितलाना टोल पर किसान महापंचायत में इस बार पक्का मंच बनाया गया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 08:09 AM (IST)
भिवानी के कितलाना टोल पर महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- ये आजादी की लड़ाई है, लड़ते रहेंगे
भिवानी के कितलाना टोल के पास मौजूद कृषि बिल विरोधी किसानों की भीड़

भिवानी, जेएनएन। भिवानी के कितलाना टोल पर कृषि बिल विरोधी किसानों की भीड़ है। किसान नेता राकेश टिकैत पहुंच गए हैं। जींद में महापंचायत के दौरान हुई मंच टूटने की घटना के बाद किसान संगठनों ने सबक लिया है। कितलाना टोल पर किसान महापंचायत में इस बार पक्का मंच बनाया गया। मंच बनाने का काम तेजी से पूरा किया गया। ईंट और मिट्टी के मंच पर अनेक लोग बैठे। राकेश टिकैत ने कहा कि ये आजादी की लड़ाई की तरह और हम इसे लड़ते रहेंगे।

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कितलाना मैं संयुक्त किसान मोर्चा की जनसभा को संबोधित करते  किसान नेता राकेश ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक  तब तक घर वापसी नहीं होगी। आपस में बंटना मत फसल का फैसला किसान करेंगे। लोगों से आह्वान किया कि गांव-गांव कह दो दिल्ली जरूर पहुंचे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि संयम से काम लें। उन्होंने  खापों की सराहना करते हुए कहा कि खाप सिस्टम मजबूत है और आज इसकी जरूरत भी है। जवानों के बारे में उन्होंने कहा अभी तो जवानों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है और अगर गद्दी वापसी की मांग कर दी तो इस पर जनसभा में खूब समर्थन मिला।

उन्होंने पूंजीपतियों को इंगित करते हुए कहा यह ग्रुप के सौदागर हैं अनाज को तिजोरी में बंद नहीं किया जा सकता। टिकैत ने युवाओं से कहा कि गुस्सा त्याग दें इसके लिए उन्होंने हाथ खड़े करवा कर समर्थन मांगा उन्होंने जनसभा में आह्वान किया कि जवानों को जमीन से जोड़ें। साथ ही यह भी कहा कि खेती को बढ़ावा दें कंपनियों को नहीं। लाल किले की घटना के बारे में टिकैत ने कहा कि यह सब धोखे से किया गया इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने पर्यावरण बचाने और जल संरक्षण का भी आह्वान किया। उनके इस आह्वान पर जनसभा में खूब समर्थन मिला।

इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अनेक बढ़े किसान नेता पहुंचे। इसमें आसपास के अनेक गांव के किसान भी आए। महापंचायत को लेकर धरना स्थल के पास के ग्राउंड को साफ किया गया। रैली की जगह पर जैमर लगाए गए और इंटरनेट ने भी काम नहीं कर किया। प्रशासन का ऐसा करने के पीछे का कारण माना जा रहा है कि किसी तरह से कोई व्‍यवस्‍था न बिगड़े। वहीं मंच पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, महम के निर्दलीय विधायक बलराज सिंह कुंडू, दादरी के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान भी पहुंचे।

किसानों का आंदोलन तेजी से आगे बढ़ रहा है। शनिवार को किसानों ने टोल पर जाम लगाया तो रविवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया। टोल पर होने वाली इस महापंचायत में टिकैत के पहुंचने से आंदोलन के और इस क्षेत्र में और तेज होने की उम्मीद है। पहले ही जिले के किसान नेता तेजी से आंदोलन भाग लेते हुए दस से ज्यादा जगह पर धरना दिए हुए हैं। किसानों को लगातार प्रशासन भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह नहीं मान रहे है।

कई लोगों के मोबाइल व पर्स चोरी

रैली में भीड़ इतनी ज्‍यादा थी कि कई लोगों के पर्स व मोबाइल भी चोरी हो गए। भीड़ का फायदा उठा इसमें कई जेबकतरे घुस गए और पर्स और मोबाइल पर हाथ साफ कर दिया। किसानों के खुले कपड़े पहनने के कारण जेब कतरों के लिए यह काम और आसान रहा। भीड़ इतनी थी कि पांव रखने तक की जगह नहीं थी और टिकैत के पहुंचने के दौरान उनको देखने और पास जाने की होड़ मच गई, इसी दौरान जेब काटने की वारदातों को अंजाम दिया गया।

मैदान किया गया साफ

किसान महापंचायत के किसानों की कमेटी अपना काम कर रही है। एक कमेटी ने मंच बनाने के साथ धरना स्थल के साथ की पूरी जमीन को साफ किया गया है। जेसीबी से झाड़ियों को हटाया गया है। साथ ही मिट्टी को समतल किया गया है। इससे किसान को वहां बैठने में परेशानी नहीं होगी। टैंट लगाने के साथ कारपेट बिछाने का काम भी सुबह तक पूरा कर लिया गया। किसानों की जबरदस्‍त भीड़ मौजूद है।

पहले नहीं आ पाए थे टिकैत

जनवरी में जिले की हुई ट्रैक्टर यात्रा के दौरान राकेश टिकैत को भिवानी आना था, लेकिन सरकार के साथ बातचीत होने के कारण वह नहीं आ पाए थे। इस बार उनके आने से किसानों में भी जोश पैदा होगा। टिकैत किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति के लिए भी किसानों को कुछ कह सकते है।


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