सिरसा में प्रॉपर्टी टैक्स शाखा पर बवाल, पार्षदों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, सबूत देने की बात कही
पार्षदों की सामान्य बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स शाखा के कर्मचारियों की लापरवाही का मुद्दा छाया रहा। पार्षद विनोद बांसल तथा रमेश बागड़ी ने भ्रष्टाचार के आरोप जड़े तो बवाल मच गया। अवैध कालोनियों को वैध दर्शाकर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी होने का खुलासा हुआ।
डबवाली, जेएनएन। बृहस्पतिवार को नगरपरिषद कार्यालय में पार्षदों की सामान्य बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स शाखा के कर्मचारियों की लापरवाही का मुद्दा छाया रहा। पार्षद विनोद बांसल तथा रमेश बागड़ी ने भ्रष्टाचार के आरोप जड़े तो बवाल मच गया। अवैध कालोनियों को वैध दर्शाकर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी होने का खुलासा हुआ। पार्षदों ने दावा किया कि 50 से 60 एनओसी अवैध तरीके से जारी की गई हैं। रमेश बागड़ी ने कहा कि उसके पास तो सबूत हैं कि शाखा में सेटिंग का खेल चल रहा है। जिस प्रॉपर्टी का टैक्स 15 लाख रुपये जमा होने चाहिए था, सेटिंग के बाद 2 लाख रुपये भरवाकर इतिश्री कर दी गई।
पार्षदों के आरोपों पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम अश्वनी कुमार गुस्सा गए। उन्होंने कहा कि डीसी ऑफिस से कार्रवाई के लिए वीडियो आई है। जिसमें साफ पता चल रहा है कि प्रॉपर्टी शाखा की विंडो पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं है। लोग खड़े हैं, सहायता के लिए कर्मचारियों को पुकार रहे हैं। वीडियो बना रहे हैं, कर्मचारी इतने बेशर्म हैं कि जवाब नहीं दे रहे। उन्हें पता है कि वीडियो बन रही है। दो कर्मी बिल्कुल खाली बैठे नजर आ रहे हैं। एसडीएम ने तुरंत शाखा में कार्यरत तीनों कर्मचारियों को बदलने के आदेश ईओ सुमन लता को दिए। हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों पर अधिकारी चुप्पी साध गए। नप की सामान्य बैठक करीब एक घंटा तक चली। पार्षद कृष्ण लाल बॉबी ने चौटाला रोड के डिवाइडर को ठीक करके ग्रिल लगाने, वार्ड से सुअर पालन करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग रखी।
नंदीशाला के कब्जाधारियों को वीवीआइपी संरक्षण
शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं का मुद्दा ईओ सुमन लता ने उठाया। नंदीशाला के पूर्व प्रधान तथा पार्षद विनोद बांसल ने कहा कि नंदीशाला में जगह नहीं है। इसकी बड़ी वजह है नंदीशाला की जमीन पर अवैध कब्जा। पार्षद बोले कि भाजपा से जुड़े पार्षद रमेश बागड़ी बोले कि कब्जा नहीं हटेगा, उसे वीवीआइपी का संरक्षण हैं। एसडीएम ने कहा कि हां, यह बात सही है।
किरायेदारों को मालिकाना हक के लिए प्रयास होगा
पार्षद विनोद बांसल के सवाल का जवाब देते हुए ईओ सुमन लता ने बताया कि वर्ष 2014 में सरकार ने नगरपरिषद किरायेदारों को जमीन का मालिकाना हक देने की घोषणा की थी। शर्त तय की थी कि किरायेदार 20 साल पुराना हो, तथा जैसी स्थिति में उसे मकान अलॉट की गई है, उससे छेडख़ानी न की गई हो। इसके लिए 199 आवेदन आए थे। 168 दुकानों पर चौबारे मिले थे। 31 आवेदन सही पाए गए थे। लेकिन उन्होंने भी इंकार कर दिया है। बांसल ने मांग की कि डबवाली की स्थिति अन्य शहरों से विभिन्न हैं। चूंकि यहां नगर सुधार मंडल ने भी किरायेदारों को दुकानें के लिए जमीन दी थी। प्रस्ताव पारित हुआ कि किराएदारों को मालिकाना हक देने की शर्त 15 साल रखी जाए। साथ ही जिन लोगों ने चौबारा या कमरा बनाया है, उसे कलेक्टर रेट पर मालिकाना हक दिया जाए।
सफाई व्यवस्था का मुद्दा उठाया
पार्षद रेखा शर्मा, कृष्ण लाल बॉबी, रविंद्र बबलू, मनजीत सिंह ने शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वार्डों में सफाई कर्मी समय पर नहीं पहुंचते हैं। सफाई शाखा के कर्मचारी कंवल ने कहा कि सफाईकर्मियों की डयूटी सुबह 7 से दोपहर 11 बजे होती है। जन प्रतिनिधियों ने कहा कि कर्मचारी तो एक घंटा लेट आते हैं, 10 बजे चले जाते हैं।