क्वारंटाइन की दास्तां : पत्नी पौछा लगाती है तो मैं झाडू निकाल देता हूं, गुजर रहा है वक्त
कोरोना की जानकारी लेकर गुजर रहा है समय। क्वारंटाइन में रह रहे व्यक्ति घर के काम मोबाइल टीवी व दोस्तों से बात कर बिता रहे समय
हिसार [सुभाष चंद्र] हिसार जिले में पिछले दिनों विदेशों से अब तक 400 लोग आ चुके है। इन्हें वहां से आते ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्वारंटाइन किया गया है। क्वारंटाइन किए गए लोग 14 दिन तक अपने घरों में ही रहते है ताकि उनसे किसी प्रकार का संक्रमण ना हो। ऐसा कोरोना से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर किया जा रहा है। ऐसे में वो कैसे एक कमरें में अपनी दिनचर्या गुजार रहे है। दैनिक जागरण संवाददाता ने शहर में क्वारंटाइन किए गए कुछ लोगों से उनके अनुभव के बारे में जाना। जिनमें क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों ने अपने क्वारंटाइन के समय के दौरान हो रहे अपने अनुभवों के बारे में बातें सांझा की। आईये जानते है इन लोगों से हुई बातचीत के मुख्य अंश।
पत्नी की घर के कामों में मदद कर बिता रहा हूं समय
शहर निवासी एक व्यक्ति निजामुद्धीन से आए एक व्यक्ति के संपर्क में आने पर क्वारंटाइन किया गया है। व्यक्ति ने बताया कि चूंकि क्वारंटाइन में पूरा दिन घर पर रहना होता है तो पत्नी के साथ घर के कामों में हाथ बंटा रहा हूं। पत्नी पौछा लगाती है तो मैं झाडू निकाल देता हूं। साथ ही नई जानकारियों की किताबें पढ़कर समय बीता रहा हूं। कुछ समय बचता है तो टीवी देखकर और मोबाइल पर इंटरनेट पर नई जानकारियां और कोरोना की अपडेट लेकर समय बीता रहा हूं। दूध, सब्जी आदि लेने के लिए घर के गेट तक ही जाते है। क्वारंटाइन में रहना हमारी खुद की भी डयूटी होती है। इस व्यक्ति ने बताया कि बाकि समय इंटरनेट पर कोरोना वायरस की जानकारी और खबरें देखने में निकल जाता है। विभाग की ओर से हर दूसरे दिन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है। वहीं प्रतिदिन फोन भी मेरे स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है।
पुराने दोस्तों से लंबी बात कर बीत रहा समय
आबुधाबी से लौटे हिसार निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि वह मार्च के अंत में हिसार लौटा था। इस व्यक्ति ने बताया कि वह क्वारंटाइन के निर्देशों का पूरी तरह पालन कर रहा है। इस व्यक्ति ने बताया कि वह अपने घरवालों से दूर रह रहा है, ताकि किसी तरह का संक्रमण परिजनों में ना हो। इसलिए अधिकतर समय अपने कमरे में गुजारता है। अपने कमरें में रहकर पुराने दोस्तों से फोन करता रहता हूं। वहीं कुछ समय किताबें पढ़कर और टीवी पर फिल्में देखकर समय गुजार लेता हूं। वहीं विभाग की ओर से घर के बाहर पोस्टर लगाने के बाद से आस पड़ोस के लोग घर में नहीं आते। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिदिन फोन करके मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है। वहीं विभाग की ओर से लगातार घर आकर भी मेरे स्वास्थ्य के बारे में जांच की जा रही है। विभाग की ओर से पूरा सहयोग दिया जा रहा है।