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आंदोलन में पंजाब के किसान की हत्या का मामला : शराब के रुपयों के लिए झगड़े में हुई थी वारदात

बहादुरगढ़ में किसान की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद गुरप्रीत का शव वारिसाें को सौंप दिया गया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 11:51 AM (IST)
आंदोलन में पंजाब के किसान की हत्या का मामला : शराब के रुपयों के लिए झगड़े में हुई थी वारदात
बहादुरगढ़ में पंजाब के किसान की हत्‍या कर दी गई थी

बहादुरगढ़, जेएनएन। आंदोलन स्थल पर साथी किसान की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद गुरप्रीत का शव वारिसाें को सौंप दिया गया। मृतक गुरप्रीत पंजाब के बरनाला जिले के ढीलमा गांव का रहने वाला था। आरोपित रणबीर उर्फ सत्ता भी यहीं का रहने वाला है। सेक्टर-6 थाना प्रभारी जयभगवान ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि किसान आंदोलन में आए पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह की कसार मोड़ के नजदीक उसके साथी द्वारा पैसों के लेनदेन के विवाद में पिटाई की गई है।

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उसे गंभीर हालत में सिविल अस्पताल लाया गया है। इस सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अस्पताल में गुरप्रीत को मृत घोषित कर दिया गया था। वारदात के संबंध में नाहर सिंह निवासी गांव ढीलमा ने शिकायत देते हुए बताया कि शराब के पैसों के लेन-देन के विवाद में उसके भतीजे गुरप्रीत सिंह की गांव के ही रणबीर उर्फ सत्ता ने पिटाई की। इसके कारण उसके भतीजे की मौत हो गई। आरोपित की निशानदेही पर उसके कब्जे से हत्या की वारदात में इस्तेमाल किया गया डंडा बरामद किया गया।

फसल सीजन के दौरान आंदोलन को कमजोर होने से बचाने के लिए संयुक्त मोर्चा द्वारा अप्रैल में तय की गई गतिविधियों को सफल बनाने के लिए बार्डरों पर डटे आंदोलनकारियों ने कमर कस ली है। इस माह में एक तरफ किसानों पर खेतों में खड़ी फसलों को निकालकर मंडियों तक पहुंचाने के कार्य का भार रहेगा तो दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शनों से लेकर जाम और बॉर्डरों पर तय किए गए कार्यक्रमों में पहुंचने का दबाव भी, ताकि आंदोलन जारी रहे। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर दो बार पहले जाम लगा चुके आंदोलनकारियों ने इस बार 10 अप्रैल को इसे पूरे 24 घंटे तक बंद रखने का एलान कर रखा है। तीन महीने से टोल भी आंदोलनकारियों ने फ्री करवा रखे हैं। चूंकि इस मार्ग के जरिये व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े हजारों वाहन रोजाना इधर-उधर गुजरते हैं।


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