हांसी में प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे पूरा, दावे-आपत्तियों के लिए खुले पोर्टल में त्रुटियों की भरमार
संवाद सहयोगी हांसी प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे पूरा हो चुका है और नगर परिषद द्वारा दावे-आप
संवाद सहयोगी, हांसी : प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे पूरा हो चुका है और नगर परिषद द्वारा दावे-आपत्तियां के लिए पोर्टल खोल दिया है। प्रॉपर्टी मालिक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अपने दावे दर्ज करवा सकता है। वेबसाइट पर त्रुटियों की भरमार हैं। जिस कारण लोगों को अपने मकान ढूंढने में काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है।
हांसी में प्रॉपर्टी सर्वे का कार्य याशी कंसलटेन्सी कंपनी द्वारा किया गया है। करीब 40 हजार के आसपास हाऊस टैक्स यूनिट हैं जो सर्वे में सामने आई हैं। ऑनलाइन दावा करने के लिए पीएमएस वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। आगामी 20 अप्रैल तक आपत्तियों व दावे दर्ज करवाने के लिए पोर्टल खुला रहेगा। पीएमएस हरियाणा डाट कॉम पर आब्जेशन वाले कॉलम में जाकर नाम या प्रॉपर्टी आइडी के जरिये प्रॉपर्टी सर्च की जा सकती है। घर, प्लाट, दुकान आदि का साइज कम या ज्यादा दर्शाया गया है तो इसे लेकर आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है। इसके बाद उक्त प्रॉपर्टी पर जाकर नगर परिषद की टीम निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके लिए रजिस्ट्री की कॉपी साक्ष्य के तौर पर अपलोड कर सकते हैं। इसी प्रकार से अगर नाम गलत दर्ज है तो प्रॉपर्टी मालिक को अपना पहचान पत्र अपलोड करना होगा। प्रॉपर्टी श्रेणी में गड़बड़ी है जैसे रिहायशी को कमर्शियल, औद्योगिक, रिहायशी, कृषि आदि श्रेणी तो पुराने बिलों की कॉपी और आप अपनी प्रॉपर्टी की श्रेणी से संबंधित जो भी दस्तावेज उपलब्ध है वह अपलोड करना होगा। ये पूरी प्रक्रिया प्रॉपर्टी मालिक स्वयं कम्प्यूटर के माध्यम से कर सकता है।
परिषद की टीम करेगी निरीक्षण
जिन प्रॉपर्टी पर दावे व आपत्तियां आएंगी उन लोकेशन पर नगर परिषद की टीम जाएगी और पुन: निरीक्षण किया जाएगा। जो दस्तावेज आवेदन करते वक्त अपलोड किए गए हैं उन्हें टीम द्वारा सत्यापित किया जाएगा और इसके बाद सही पाए जाने पर प्रॉपर्टी आइडी में उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। - संजय रोहिल्ला, ईओ, नगर परिषद
सर्वे में खामियों की भरमार
नगर परिषद द्वारा करवाए गए प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे में अनेक त्रुटियां हैं। कुछ लोगों के नाम गलत दर्शाए गए हैं तो कुछ लोगों की प्रॉपर्टी का साइज ही गलत है। इसके अलावा वेबसाइट पर अपनी प्रॉपर्टी ढूंढना भी इतना आसान नहीं है। कई कॉलोनियों के घरों को दूसरी कॉलोनियों में दर्शाया गया है। जिस कारण लोगों को अपनी प्रॉपर्टी ढूंढने में काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है।
आम आदमी के बस से बाहर
नगर परिषद द्वारा सालों से प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों का वितरण नहीं किया गया जिस कारण लोगों को अपनी प्रॉपर्टी आइडी नहीं पता है। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन करना अशिक्षित व जो लोग कम्प्यूटर चलाना नहीं जानते उनके लिए बड़ी समस्या है। हालांकि ऑफलाइन मोड से आवेदन किया जा सकता है, लेकिन जब प्रॉपर्टी मालिक को अपनी प्रोपर्टी में त्रुटि के बारे में जानकारी मिलेगी तब ही वो आवेदन करेगा और नगर परिषद में जाकर रजिस्टरों में चेक करना भी आम आदमी के लिए आसान नहीं है। ऐसे में नगर परिषद को दावे आपत्तियों को दर्ज करवाने वाले लोगों के लिए सरल व्यवस्था करनी चाहिए।