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वोटरों के सामने हल्‍का पड़ा सनी देओल का ढाई किलो का हाथ, टिक टाॅक स्‍टार का नहीं चला जादू

वित्‍तमंत्री कृषिमंत्री बीजेपी प्रदेशाध्‍यक्ष व विधायक प्रेमलता के लिए किया था प्रचार। भजनलाल परिवार की आदमपुर में लगातार 13वीं जीत कभी नहीं हारे। सोनाली फोगाट की नहीं बनी बात

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 12:16 PM (IST)
वोटरों के सामने हल्‍का पड़ा सनी देओल का ढाई किलो का हाथ, टिक टाॅक स्‍टार का नहीं चला जादू
वोटरों के सामने हल्‍का पड़ा सनी देओल का ढाई किलो का हाथ, टिक टाॅक स्‍टार का नहीं चला जादू

हिसार, जेएनएन। सेलिब्रिटी के कार्यक्रम की बात हो तो हरियाणा के लोग खूब मनोरंजन करते हैं। मगर बात जब वोट देने की हो तो मिजाज बदल जाता है जनाब! दरसअल ऐसा हम नहीं बल्कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में आने वाले परिणाम कह रहे हैं। बीजेपी के लिए हिसार जोन में नतीजे आए उस पर विश्‍वास कर पाना आसान न हुआ। क्‍योंकि जिन -जिन प्रत्‍याशियों के लिए बीजेपी सांसद एवं अभिनेता सनी देओल प्रचार करने पहुंचे थे वो सब हार गए।

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बेशक इसके लिए सनी देओल क‍तई जिम्‍मेदार नहीं है, मगर जिस तरह से सनी देओल को देखने के लिए भीड़ जमा हुई थी उसे देख नारनौंद में कैप्‍टन अभिमन्‍यु, टोहाना में बीजेपी प्रदेशाध्‍यक्ष सुभाष बराला और बादली में कृषि मंत्री ओपी धनखड़ और उचाना में पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्‍नी प्रेमलता की जीत तय मानी जा रही थी। मगर नतीजे कुछ और ही निकले। सनी देओल ने चारों जगह यह डायलॉग भी दोहराया कि वो यहां ढाई किलों के हाथ उठाने नहीं बल्कि जोड़ने आए हैं। मगर फिर भी वोटरों का दिल नहीं पसीजा और सभी चारों बीजेपी प्रत्‍याशी हार गए।

इतना ही नहीं आदमपुर में पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कांग्रेस प्रत्‍याशी कुलदीप बिश्‍नोई के खिलाफ ताल ठोकने वाली बीजेपी प्रत्‍याशी टिक टॉक स्‍टार एवं अभिनेत्री सोनाली फोगाट भी हार गई। टिकट मिलने के बाद देशभर में टिक टॉक स्‍टार नाम से ख्‍याति पाने वाली सोनाली फोगाट किसी भी राउंड में आगे नहीं बढ़ सकी। ऐसे में जनता मनोरंजन चाहे कितना ही करे मगर वोट देने के समय शायद कुछ और ही दिमाग में रखती है।

इसके अलावा दादरी में बीजेपी प्रत्‍याशी दंगल गर्ल बबीता फोगाट तो वहीं सोनीपत के बरौदा में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्‍वर दत्‍त को भी हार का सामना करना पड़ा। ऐसा ही हाल लोकसभा चुनाव में दिल्‍ली में कांग्रेस प्रत्‍याशी ओलंपिक पदक विजेता विजेंद्र सिंह का भी हुआ था।

आदमपुर में बीते 51 साल से बना भजनलाल परिवार का वर्चस्‍व रहा कायम

आदमपुर विधानसभा सीट पर बिश्नोई परिवार का कब्जा इन विधानसभा चुनावों में भी कायम रहा। भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई जीत गए। आदमपुर सीट से चौधरी भजनलाल यहां से आठ बार विधायक रहे हैं। भजन लाल की पत्नी जसमा देवी, पुत्रवधू रेणुका बिश्नोई और बेटे कुलदीप बिश्नोई इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई इस सीट पर लगातार दूसरी बार जीतकर आए हैं। वह भजनलाल के बाद सबसे ज्यादा तीन बार आदमपुर से विधायक बने हैं।

राजनीति के पीएचडी कहलाते थे भजनलाल

राजनीति में पीएचडी कहलाने वाले स्व. चौधरी भजनलाल के गढ़ आदमपुर को 1968 से आज तक कोई भी नहीं तोड़ पाया। वर्ष 1977 व 1987 में कांग्रेस विरोधी लहर के बावजूद आदमपुर हलके में भजनलाल परिवार का वर्चस्व कायम रहा। आदमपुर में वर्ष 1968 से लेकर आज तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, भजनलाल परिवार ने कभी हार का मुंह नहीं देखा। वर्ष 1967 में हरिसिंह डाबड़ा को छोड़कर आदमपुर क्षेत्र से चौधरी भजनलाल, उनकी पत्नी जसमा देवी, पुत्र कुलदीप बिश्नोई व पुत्रवधू रेणूका बिश्नोई विधानसभा में प्रवेश कर चुके हैं। इतना जरूर है, समय बीतने के साथ भजनलाल परिवार के सदस्यों का हार-जीत का अंतर काफी कम रह गया है।

आदमपुर विधानसभा की स्थिति

वर्ष             विधायक                पार्टी

1967        हरिसिंह डाबड़ा       कांग्रेस

1968        भजनलाल              कांग्रेस

1972        भजनलाल              कांग्रेस

1977        भजनलाल              जनता पार्टी

1982        भजनलाल              कांग्रेस

1987        जसमा देवी             कांग्रेस

1991        भजनलाल               कांग्रेस

1996        भजनलाल               कांग्रेस

2000        भजनलाल               कांग्रेस

2005        भजनलाल               कांग्रेस

2009        कुलदीप बिश्नोई        हजकां

2011        रेणुका बिश्नोई           हजकां

2014        कुलदीप बिश्नोई        हजकां

2019         कुलदीप बिश्नोई       कांग्रेस

आदमपुर सीट पर 13 राउंड में एक बार भी आगे नहीं निकलीं सोनाली

51 साल से आदमपुर विधानसभा सीट पर कब्जा जमाए स्व. भजनलाल का परिवार इस बार कब्जा जमा गया। सत्ता में भाजपा की सरकार होने और अभिनेत्री सोनाली फोगाट को टिकट देने के बावजूद भाजपा उनका गढ़ नहीं तोड़ पाई। आदमपुर में 13 राउंड की मतगणना में एक भी राउंड ऐसा नहीं था जिसमें सोनाली जीती हो। कुलदीप बिश्नोई ने पहले राउंड से ही तीन हजार से ज्यादा की बढ़त बना ली थी।


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